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अदाणी ट्रांसमिशन ने तीन सीआईआई अवार्ड जीते

सीआईआई की पहली ऑपरेशनल सस्टेनेबिलिटी प्रतियोगिता में जीता प्लैटिनम, गोल्ड और सिल्वर

• ऑक्जिलरी कंजम्पशन हेतु हरित ऊर्जा अपनाने के लिए प्लेटिनम पुरस्कार

• क्लस्टर-आधारित मेंटेनेन्स के साथ रिमोट (सेंट्रल) परिचालन के लिए गोल्ड अवार्ड

• सबस्टेशनों को हरा-भरा बनाये रखने के लिए सिल्वर अवार्ड

अहमदाबाद : भारत में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी पावर ट्रांसमिशन एवं रिटेल डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी, अदाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड (एटीएल) ने 11नवम्बर 2021 को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के पहले ऑपरेशनल सस्टेनेबिलिटी सम्मेलन-सह-प्रतियोगिता में तीन पुरस्कार जीते।

एटीएल के एमडी एवं सीईओ अनिल सरदाना ने बताया कि “इन पुरस्कारों से परिचालन को पर्यावरण-अनुकूल करने और सस्टेनेबिलिटी पर पूरी तरह ध्यान देते हुए उत्पादकता और दक्षता बेहतर बनाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और हमारे बहु-आयामी दृष्टिकोण को उत्साहजनक मान्यता मिली है।सीआईआई के इन पुरस्कारों के साथ हमने जो एसएंडपी कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट (सीएसए) स्कोर में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं, वह कॉरपोरेट जिम्मेदारियों और ऑपरेशनल सस्टेनेबिलिटी को संयोजित करने की हमारी क्षमता को दर्शाता है। कंपनी को बेस्ट-इन-क्लास प्रथाओं के साथ बेंचमार्क किया गया है और कंपनी का इरादा विश्व स्तरीय इंटीग्रेटेड यूटिलिटी बनने का है।”

सीआईआई की ऑपरेशनल सस्टेनेबिलिटी प्रतियोगिता को चार मुख्य सस्टेबिलिटी खंडों में बांटा गया था, जिसमें मानवीय, सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मापदंडों को शामिल किया गया था। निर्णायक मंडल के सदस्यों के एक पैनल द्वारा उद्योग जगत के प्रमुख प्रतिभागियों के विभिन्न प्रकार के केस स्टडी का मूल्यांकन किया गया।

इकॉनोमिक सस्टेनेबिलिटी के क्षेत्र में, एटीएल ने दो अवार्ड जीते: ऑक्जिलरी कंजम्पशन पर केस स्टडी हेतु ग्रीन एनर्जी एडॉप्शन के लिए प्लेटिनम अवार्ड और क्लस्टर-आधारित मेंटेनेन्स के साथ रिमोट (सेंट्रल) परिचालन पर केस स्टडी के लिए गोल्ड अवार्ड हासिल किया। एटीएल ने एन्वायरनमेंटल सस्टेनेबिलिटी के क्षेत्र में सबस्टेशनों को हरा-भरा बनाने हेतु अपनी केस स्टडी के लिए सिल्वर अवार्ड भी जीता।

प्लेटिनम अवार्ड

एटीएल ने क्लस्टर-आधारित मेंटेनेन्स के साथ ऑक्जिलरी कंजम्पशन और रिमोट (सेंट्रल) परिचालन के लिए हरित ऊर्जा अपनाने से संबंधित केस स्टडी प्रस्तुत की। एटीएल ने सामी, मुरैना और राजनांदगांव सब-स्टेशनों पर 2,360 केडब्लूपी क्षमता के सौर संयंत्र स्थापित किए हैं। इसके परिणामस्वरूप 2,613 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई। कंपनी ने पारंपरिक बल्बों को एलईडी से बदल दिया और एनर्जी मॉनिटरिंग और बचत के लिए ऊर्जा मीटर स्थापित किए। सौर ऊर्जा की स्थापना के जरिये, कंपनी ऑक्जिलरी कंजम्पशन को कम करने में सक्षम थी। इसके लिए एटीएल को इकोनॉमिक सस्टेनेबिलिटी कैटेगरी में ग्रीन एनर्जी एडॉप्शन के लिए प्लेटिनम अवॉर्ड मिला।

गोल्ड अवार्ड 

बिजनेस में ईएनओसी और क्लस्टर-आधारित मेंटेनेन्स की सोच को लागू करते हुए एटीएल ने लागत को काफी नियंत्रित किया है और महत्वपूर्ण संसाधनों का संरक्षण किया है। इस प्रथा को अपनाने से संपत्ति की विश्वसनीयता में सुधार हुआ है, डेटा-संचालित निर्णय लेने को प्रोत्साहित किया गया है, केंद्रीय नियंत्रण द्वारा विशेषज्ञ हस्तक्षेप को सक्षमकिया गया है, परिसंपत्तियों के रणनीतिक रखरखाव की सुविधा प्रदान की गई है, परिचालन लागत काफी कम हुई है, परिसंपत्तियों की अनुकूलित पूंजी लागत को ऑप्टिमाइज किया गया है और मेंटेनेन्स के कर्मचारियों की दक्षता बढ़ी है। इसके लिए एटीएल को इकोनॉमिक सस्टेनेबिलिटी श्रेणी में क्लस्टर आधारित मेंटेनेंस के साथ रिमोट (सेंट्रल) ऑपरेशन के लिए गोल्ड अवॉर्ड मिला।

सिल्वर अवार्ड

सस्टेनेबल कृषि और रेनवाटर हारवेस्टिंग के लिए एटीएल सबस्टेशन परिसर के भीतर सभी कार्यस्थलों पर गैर-विद्युत भूमि का अनुकूल उपयोग करता है। वित्त वर्ष 2021 में, एटीएल ने अपने सबस्टेशनों में गैर-विद्युत क्षेत्रों में 750 से अधिक पेड़ लगाए हैं। इन कार्यस्थलों में सामी, महेंद्रगढ़, अकोला, मुरैना, राजनांदगांव, कोराडी और तिरोदा शामिल हैं। एटीएल को एन्वायरनमेंटल सस्टेनेबिलिटी श्रेणी में सिल्वर अवार्ड मिला।

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