
रिपोर्ट : तपेश विश्वकर्मा
मिर्जापुर, (उ.प्र.) : बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग जनपद के कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाने में सतत प्रयासरत है | इस दिशा में जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) वाणी वर्मा की सक्रियता का सुखद परिणाम रहा कि पिछले वर्ष कुपोषण की जद में आये 18 बच्चों को इस वर्ष सुपोषित किया जा सका है। यह जानकारी विकास भवन स्थित विभागीय सभागार में बैठक के दौरान बाल विकास परियोजना अधिकारी विमलेश कुमार ने दी।
वाणी वर्मा ने बताया कि सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों व गर्भवती को पोषाहार प्रदान करने के साथ ही जरूरी दवाएं भी प्रदान की जा रहीं हैं | जिले में पिछले वर्ष 624 कुपोषित बच्चे थे इसमें से 18 बच्चे सामान्य श्रेणी में आ गये हैं, बाकी बच्चों के स्वास्थ्य में भी बहुत तेजी से सुधार हो रहा है जल्द ही वह भी सामान्य श्रेणी में आ जाएंगे । पोषण पुनर्वास केन्द्र पर अपनी देख रेख में जिन बच्चों का लगातार उपचार करवाया उनमें से ढाई माह में 18 बच्चों का वजन तीन किलों से अधिक हो गया और वह सामान्य श्रेणी में आ गये जो विभाग की एक अच्छी पहल है | इसमें सभी अधिकारियों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की अहम् भूमिका रही | विभाग की ओर से पोषण पुनर्वास केंद्र में तरह तरह के खाद्य पदार्थो की व्यवस्था की जा रही है। यह आंगनबाड़ी केन्द्रों से पोषण पुनर्वास केंद्र पहुंचे बच्चों को दिया जा रहा है।
रितु पुत्री अवध बिहारी राजगढ़ विकास खण्ड का कहना है कि सितम्बर 2020 में पुत्री रितु ने जन्म लिया उस समय उसका वजन डेढ़ से दो किलो होने के कारण वह कुपोषित की श्रेणी में आ गयी | इलाज के बाद भी उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ | उसके बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शांति ने कहा कि इसको लेकर ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस (वीएचएनडी) पर जाओ । वीएचएनडी पर गया तो डाक्टरों की टीम ने उसे चिकित्सालय स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र पर भर्ती होने का परामर्श दिया तो डीपीओ ने इस मामले को तत्काल संज्ञान में लेते हुए विभाग की देख रेख में भर्ती कराया | आज बच्ची का वजन तीन किलो से अधिक हो गया है जिससे वह सामान्य श्रेणी में आ गयी है और वह पूरी तरह स्वस्थ है।