उत्तर प्रदेश : काव्य लोक संस्था ने अपनी मासिक गोष्ठी का आयोजन किया इसमें संस्था की अध्यक्षा सुप्रसिद्ध कवित्री डॉ रमा सिंह जी को उनके साहित्य सेवा हेतु अटल बिहारी वाजपेई राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर संस्था ने उनका सम्मान किया एवं दिल्ली की कवयित्री डॉक्टर पूनम मटिया जी को विशेष कार्यशील महिला हेतु डॉक्टर सरोजिनी नायडू द नाइटेंगल ऑफ़ इंडिया अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर संस्था के संरक्षक सुप्रसिद्ध कवि दीक्षित दनकौरी जी ने सम्मानित किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध अभिनेता निर्माता एवं कवि रवि यादव जी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का प्रारंभ गार्गी कौशिक जी की सरस्वती वंदना द्वारा हुआ। मुख्य अतिथि अभिनेता, निर्माता एवं कवि रवि यादव का सम्मान संस्था के संस्थापक राजीव सिंघल जी ने स्मृति चिन्ह देकर किया। कार्यक्रम का संचालन गार्गी कौशिक एवं अल्पना सुहासिनी के द्वारा किया गया।
राजीव सिंघल जी के शेर पर खूब दाद मिली, ‘वक्त की तो तयशुदा रफ्तार है क्यों बशर की जीत में भी हार है’
कार्यक्रम की अध्यक्षा डॉ रमा सिंह के गीत को बहुत पसंद किया गया, ‘मन के दरवाजे तो खोलो फिर से अपने मन को टटोलो दूर तक फैली हरितिमा उसमें जी लो सांसे ले लो’
शायर दीक्षित दनकौरी ने इन शेरों पर खूब तालियां बटोरी, ‘बाजारे नुमाइश में मैं किरदार संभालूं घर बार संभालू के तेरा प्यार संभालूं इस दौरे तरक्की में बचानी है अना भी रफ्तार सभालू कि मैं दस्तार संभालू’
अभिनेता निर्माता एवं कवि रवि यादव ने चाचा पर जो बहुत प्यारा रिश्ता है उस पर अपनी बेहतरीन कविता पढ़ी और उनके गीत ने सबको मंत्र मुक्त कर दिया, ‘सोच रहा हूं इतना सुंदर कैसे कोई हो सकता है, परियों के भी रूप दर्प को पल भर में जो धो सकता है’
देवेंद्र शर्मा देव ने भी खूब तालियां बटोरी, यहां और भी है वहां और भी है, अभी हिज्र के इम्तिहान और भी है’
डॉक्टर राजीव पांडे जी ने, ‘क्या कहते दो नैना गीत से संमा बांध दिया’
सोनम यादव जी की कुछ पंक्तियाँ, ‘लव पे तराने आये जब से किसी गज़ल के, खुशबू हवा में बिखरी महके हैं दल कमल के’
अल्पना सुहासिनी जी की पंक्तियों ने सबका मन मोह लिया, ‘बाँट सको तो खुशियांँ बांटो, गम तो सबके पास बहुत है’
गार्गी कौशिक को इस शेर पर खूब दाद मिली, ‘तुम्हीं से हूँ मैं दुनिया में तुम्हीं से जिन्दगी मेरी, तुम्हारा साथ पाऊं तो मेरी किस्मत बदल जाए’
अन्य कवि अनिमेष शर्मा, डॉक्टर तारा गुप्ता, तूलिका सेठ, जगदीश मीणा, मधु श्रीवास्तव, विनोद कुमार वर्मा, सोनम यादव, आर के भदोरिया, अंशु जैन, सुरेंद्र शर्मा, रमेश वर्मा, वीके मल्होत्रा, प्रेम कुमार पाल जी ने भी काव्य पाठ किया।