
✍️ मनीषा कुमारी “मन्नू” (विरार, महाराष्ट्र)
राखी का त्योहार आया, खुशियों की बहार लाया।
बहनों ने सुंदर-सुंदर राखी का थाल सजाया।।
भाई ने बहनों के लिए प्यारा -प्यारा उपहार लाया।
धागों में बंधा भाई-बहन के प्यार का त्योहार आया।।
कभी भाई-बहन का प्यार टूटे न इस जीवन में।
कभी एक-दूसरे का साथ न छूटे इस जीवन में।।
सूना न रहे किसी भी भाईयों का कलाई इस राखी पर।
रंग-बिरंगे राखी से सजी रहे कलाई इस शुभ अवसर पर।।
प्यार की मिसाल हैं भाई-बहन के रक्षाबंधन का त्योहार।
हर दिन भाई-बहन के लिए हो ये राखी बंधन का त्योहार।।
सावन महीने में पुर्णिमा को मनाया जाता हैं यह त्योहार।
सभी बहने राखी बांधने को होती हैं सज-धज के तैयार।।
(लेखिका स्टूडेंट टीचर के साथ ही ठाणे महाराष्ट्र से प्रकाशित राष्ट्रीय साप्ताहिक “सबुरी टाइम्स” में उप संपादक, उत्तर प्रदेश के “श्रीयम न्यूज़ नेटवर्क” में साहित्य संपादक हैं।)