
✍️ अनीता गुलेरिया
दिल्ली : वाहन गिरोह का पर्दाफाश कर बाहरी जिला डीसीपी परविंदर सिंह की कमांड में इलाके में वाहन चोरी की बढ़ोतरी मद्देनजर चलाए गए अभियान तहत मंगोलपुरी एसीपी विरेंद्र कादयान के दिशा-निर्देशन में थाना प्रभारी मुकेश कुमार की अगुवाई में एएसआई जोगेंद्र हवलदार बलवान, जितेंद्र राकेश, प्रवीण, सिपाही सुनील कुमार, संदीप अशोक, नवीन, अमित व प्रदीप की टीम को विशेषकर (वाहन-चोरों) की धरपकड़ के लिए लगाया गया टीम ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगालते हुए कांस्टेबल सुनील कुमार ने खुफिया जानकारी जुटाने दौरान अमन विहार ई-ब्लॉक का रहने वाला कुख्यात अपराधी अरशद उर्फ समीर सुल्तानपुरी मे वाहन चोरी और सड़क पर छीनाझपटी जैसे अपराधों के लिए चोरी की बाइक किराए पर देता है। जानकारी के बारे मे आला-अधिकारियों को सूचित कर सिपाही संदीप, अशोक व सुनील कुमार ने ब्लाक-वाई मे बैरीकेड लगाकर वाहन चेकिंग दौरान एक बाइक सवार दो युवकों को जैसे ही रुकने का इशारा किया तो उनके द्वारा भागने की नाकाम कोशिश करने पर पुलिस ने अपनी गिरफ्त मे ले लिया। मौके पर ली गई तलाशी दौरान बाइक चला रहे आरोपी के पास से देसी पिस्तौल, दो-जिंदा कारतूस व दूसरे आरोपी की जेब से दस चोरी के मोबाइल मिले । बाइक के दस्तावेज ना दिखा पाने पर पुलिस जांच मे अमन विहार से चोरी की पाई गई । पुलिस ने इनकी निशानदेही पर छह अन्य गिरोह के सदस्यों को छापेमारी कर दबोचते हुए तलाशी दौरान इनके कब्जे से पुलिस ने इनके कब्जे से कुल (63) दो पहिया वाहन वाहन जिसमें (38) मोटरसाइकिल (25) स्कूटी बरामद कर सभी मुजरिमों को पुलिस हिरासत में ले लिया।
डीसीपी परविंदर सिंह अनुसार पकड़े गए दोनो अभियुक्तों की पहचान अरशद उर्फ समीर (25) निवासी यह पहले से (26) आपराधिक मामलों में लिप्त है दूसरा रे हरीश उर्फ रिंकू इस बार पहले से सात (7) आपराधिक मामले दर्ज हैं।दोनों अमन विहार थाने का घोषित अपराधी व अमन विहार इलाके के निवासी हैं। मंगोलपुरी इलाके के तीन कुख्यात घोषित अपराधी सनी (26) पहले से चालीस आपराधिक मामलो मे लिप्त है। सद्दाम (27) इस पर पहले से सोलह मामले दर्ज है। तीसरा सागर (23) पहले से 11 अपराधिक मामले दर्ज हैं। सुल्तानपुरी के दो घोषित मुजरिम पप्पू (28) पहले से बारह आपराधिक मामलों में शामिल है साहिल (23) पहले से सात मामले दर्ज है। बुध विहार से गौरव (26) पहले से दस आपराधिक मामलों में लिप्त है।
पुलिस कड़ी पूछताछ दौरान सभी कुख्यात मुजरिमो ने अपना गुनाह कबूलते हुए बताया। वह लंबे समय वाहन चोरी के धंधे में लिप्त थे और चोरी किए वाहनों को कबाड़ी-डीलरों को बेच देते थे। लेकिन लॉकडाउन के कारण उन्हें कोई खरीददार नहीं मिल पाने के कारण उन्होंने वाहनों को चोरी के वाहनों खुद अन्य वारदातों में इस्तेमाल करने लगे व अन्य दूसरे सहयोगियों को चोरी जैसी वारदातों के लिए बाइक उधार देते थे और चोरी किए गए सामान मे बराबर की हिस्सेदारी लेते थे। पुलिस की नजरों से बचने के लिए वह वारदातों को अंजाम देने के बाद चोरी किए गए दोपहिया वाहनों को अन्य सार्वजनिक वाहन पार्किंग इत्यादि पर खड़ा कर देते थे। पुलिस ने आईपीसी व आर्म्स-एक्ट तहत मामला दर्ज कर सभी दोपहिया-वाहन गिरोह के शातिर मुजरिमो को उनके असली ठिकाने पहुंचाकर एक बड़ी कामयाबी को हासिल कर काबिले तारीफ कार्यशैली को दिया अंजाम ।