✍️ अनीता गुलेरिया
दिल्ली : कारगिल विजय दिवस पर शहीदों की याद में सोमवार समस्त देशभर में भावभीनी-श्रद्धांजलि अर्पित की गई। ऐसे में उत्तर पश्चिम जिला उपायुक्त उषा रंगनानी ने अपने स्टाफ सहित सुबह के समय कारगिल में शहीद हुए जवानों के नाम पुष्प अर्पित करके (अमर-शहीदो) के नाम पर डीसीपी कार्यालय के अंदर व बाहर कई पौधे-रोपित किए।
बता दें, डीसीपी उषा रंगनानी ने बच्चों से वार्तालाप करते हुए 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के दिन कैसे जाँबाज-शहीदो ने देश की सीमा से घुसपैठियों को खदेड़ते हुए देश का तिरंगा फहराते हुए इस दिन को ऐतिहासिक विजय दिवस बनाकर अपने प्राणों को न्यौछावर किया था, इसके बारे में अवगत करवाते हुए शहीदों को नमन कर देशभक्ति व (जय अमर-जवान) के नारे लगाए । डीसीपी कार्यालय में (पुलिस-दोस्ताना) मीटिंग दौरान डीसीपी के साथ बच्चों ने अपने अनुभव सांझा करते हुए देशभक्ति से ओत-प्रोत कविता व गीत सुनाकर सबको भाव-विभोर कर दिया । डीसीपी ने सभी बच्चों के साथ मिलकर आने वाले हर आगामी शहीदी-दिवस पर पौधारोपित करने का दृढ़-संकल्प लिया।
लीइसके उपरांत डीसीपी उषा रंगनानी ने जिले में बनी कुछ झुग्गियों में जाकर शहीदों के नाम पर तालाबंदी दौरान प्रभावित हुए गरीब दिहाडी-मजदूरों को सूखा राशन वितरित करने के अलावा उनके बच्चों को जरूरत मुताबिक (स्टेशनरी-सामान) के अलावा कुछ खिलौने उपहार स्वरूप भेंट किए डीसीपी ने मीडिया-समक्ष बताते हुए कहा, आज के दिन विशेषकर बच्चों के साथ कारगिल विजय दिवस पर हुई बैठक दौरान बच्चों के मन में शहीदों के बलिदान व देश के लिए प्रेम भावना प्रति उभरती जिज्ञासा को देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा । मेरा यह मानना है यदि हम हरेक शहीदी दिवस पर बच्चों को प्रेरित करने के अलावा उनके अनुभवों को साझा करेंगे तो निश्चित तौर पर (विश्वव्यापी-स्तर) पर हम अपने देश को मजबूती प्रदान करते हुए विकासशीलता के नारे को सही मायने में सार्थक कर पाएंगे ।
उन्होंने समस्त देशवासियों को अपील करते हुए कहा, हमारा भारत त्योहारों का देश है हमें अपने अन्य त्योहारों की तरह हर (शहीद-दिवस) को एक यादगार त्यौहार के रूप में मनाते हुए शहीदों के नाम पौधारोपण जरूर करना चाहिए ताकि हमारे आने वाली भावी पीढ़ी (अमर-शहीदों) के बलिदान को हमेशा के लिए तरोताजा रखते हुए अपने दिल दिमाग में देश प्रति प्रेम-बलिदान की भावना को जागृत रखते हुए देश को विकास की डगर पर ले जाने में अपना अमूल्य योगदान दे सके,उस दिन (अमर-शहीदों) को हमारे द्वारा दी गई श्रद्धांजलि सही मायने में सार्थक सिद्ध हो पाएगी