✍️ अनीता गुलेरिया
दिल्ली : बाहरी जिला राज पार्क पुलिस को जी-ब्लॉक,में सुलतानपुरी शर्व- शक्ति मंदिर में स्थापित कलश की चोरी होने की सूचना मिली। मौके पर पहुंची पुलिस को रतन विहार निवासी महिपाल सिंह ने बताया, गली नंबर-9 में बने शर्व-शक्ति मंदिर के शीर्ष पर स्थापित किए गए पीतल के कलश को रात के समय कुछ अज्ञात बदमाशों ने चोरी कर लिया है। शिकायत दर्ज करते ही सुल्तानपुरी एसीपी मिहिर सकारिया के दिशा-निर्देशन में थाना प्रभारी ललित कुमार के नेतृत्व में गिरीश रतूड़ी, हेड कांस्टेबल राजेश, नरेंद्र, कांस्टेबल घनश्याम, ओमबीर, विक्रमादित्य व कपिल की टीम को शातिर लुटेरों की धरपकड़ के लिए लगाया गया पुलिस टीम ने तत्परता दिखाते हुए घटनास्थल व आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालते हुए आरोपियों के आने-जाने के रास्ते पर चौकस निगरानी रखते हुए स्थानीय खुफिया जानकारी जुटानी शुरु की। इसी क्रम दौरान सूचना-धारक से मिली जानकारी मुताबिक टीम ने बिना समय गवाएं सुल्तानपुरी के शनि बाजार रोड से मंदिर से चुराए गए कलश को बेचने जा रहे दो शातिर लुटेरों को पीतल के नौ कलश सहित मौके से दबोच लिया।
बाहरी जिला डीसीपी परविंदर सिंह अनुसार पकड़े गए दोनों अभियुक्तों की पहचान सागर उर्फ मंत्री (23) जो पहले से चोरी छीनाझपटी के आठ आपराधिक मामलों में लिप्त है। दूसरा साहिल उर्फ मुकेश (23) दोनों ई-ब्लॉक सुलतानपुरी के निवासी हैं । पुलिस ने मौके से इनके पास से पांच पीतल के बड़े और चार छोटे कलश सहित कुल (65) किलो वजन के कलश बरामद किए हैं । पुलिस कड़ी पूछताछ दौरान दोनों ने अपना गुनाह कबूलते हुए बताया शराब पीने की गंदी लत को पूरा करने के लिए पैसों की पूर्ति हेतु वह चोरी लूटपाट छीनाझपटी व डकैती की वारदातों को अंजाम देते थे। दोनों ने एकसाथ मिलकर मंदिर के शीर्ष पर स्थापित पीतल के कलश को चुराकर पार्क में छिपा दिया था और आज वह पीतल के कलश को बेचने जा रहे थे,तभी राजपार्क पुलिस की चौकसी के चलते पकड़े गए। पुलिस ने आईपीसी की यू/एस 379 धारा तहत मामला दर्ज कर दोनों शातिर लुटेरों ने इसके अलावा अन्य कितनी चोरी की वारदातों को अंजाम दिया है,आगे की गहन तफ्तीश के जरिए खुलासा करने की फिराक में जुटी है । पुलिस ने दोनों शातिर मुजरिमों से अन्य कई चोरी के केसों का खुलासा होने के जल्द आसार जताए हैं । इस तरह चौबीस घंटे के भीतर मंदिर में हुई चोरी मामले का खुलासा करके पुलिस ने काबिले तारीफ कार्यशैली को दिया अंजाम।