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Chhatarpur : पुस्तक का किया विमोचन

रिपोर्ट : निर्णय तिवारी

छतरपुर, (म0प्र0) : शासकीय शिक्षा महाविद्यालय, छतरपुर में प्रशिक्षणरत और आर.पी. उत्कृष्ट उ.मा. विद्यालय, पन्ना में उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर पदस्थ राजेश कुमार गुप्त ‘राज‘ द्वारा हाल ही में रचित पुस्तक ‘उत्तर-आधुनिक काव्य: 21वीं सदी की कविताएं‘ का विगत दिवस विमोचन कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर उपस्थित रचनाकारों द्वारा काव्य-पाठ भी प्रस्तुत किया गया। इस पुस्तक में राजेश कुमार गुप्त राज एवं उनके विद्यालय के ही शिक्षक साथी लक्ष्मण सिंह त्यागी रीतेश संपादक की भूमिका में हैं।

संपादकद्वय के अतिरिक्त इस पुस्तक में उत्तरप्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं तेलंगाना से संबद्ध 26 अन्य सहयोगी रचनाकारों की श्रेष्ठ कविताएँ शामिल हैं जिनमें रवि प्यासी मीत, विनोद जैन, हरिबल्लभ शर्मा हरि, सीमा हरि शर्मा, घनश्याम मैथिल अमृत, मीनाक्षी दुबे, अंजली सिंह, आशा शुक्ला, रूबी गुप्ता, प्रज्ञा प्यासी आदि प्रमुख नाम हैं।

गुप्त के अतिरिक्त इस पुस्तक में छतरपुर जिले से 6 अन्य कवि एवं कवयित्री शामिल हैं-डॉ. जग प्रसाद पाण्डेय सरल, डॉ. आर.बी. पटेल अनजान, श्रीमती नम्रता शुक्ला कृष्णप्रिया, राम बिहारी सक्सेना राम, जीतेंद्र यादव जीत एवं प्रकाश पाण्डेय बंजारी। वरिष्ठ एवं प्रसिद्ध रचनाकारों के साथ प्रकाशित होकर इन सभी रचनाकारों ने छतरपुर जिले को गौरवान्वित किया है।

गुुप्त द्वारा पुस्तक के विषय में चर्चा करते हुए बताया गया कि उत्तर-आधुनिक काव्य 21वीं सदी की कविताएँ बहुचर्चित एवं ऐतिहासिक महत्व का साझा काव्य-संग्रह है जिसमें वरिष्ठ कवियों में से एक भोपाल के रवि प्यासी मीत यदि 71 वर्ष की आयु के हैं, तो वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले से मात्र 21 वर्ष की अल्पायु की प्रतिभासंपन्न कवयित्री कु. आरती शर्मा आरू भी हैं।

गुप्त ने बताया कि इस पुस्तक की लंबी संपादकीय भूमिका में हिंदी साहित्य के संपूर्ण इतिहास को भी संक्षिप्त रूप में वर्णित किया गया है तथा हिंदी साहित्य के उत्तर-आधुनिक काल (संचार काल) की प्रस्थापना की गई है। इस भूमिका में विभिन्न विचारकों के मतों की व्याख्या के द्वारा उत्तर-आधुनिकता और उत्तर-आधुनिकतावाद की अवधारणा को स्पष्ट किया गया है। लगभग 20वीं शताब्दी की समाप्ति और 21वीं शताब्दी के आरंभ से चल रहे उत्तर-आधुनिक काल की प्रवृत्तियों और विशेषताओं का सूक्ष्मता से विश्लेषण किया गया है।

राम बिहारी सक्सेना राम जी ने चर्चा में बताया कि गुप्त जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। उन्होंने शिक्षण कार्य करते हुए साहित्य की अनेक विधाओं पर अपनी लेखनी चलाई है। उन्होंने कविता के अलावा निबंध, संस्मरण, पत्र-साहित्य, डायरी लेखन आदि विधाओं पर भी लेखन कार्य किया है। वर्तमान में गुप्त जी एक उपन्यास और हिंदी साहित्य का नया इतिहास पर लेखन कार्य कर रहे हैं।

डॉ. आर.बी. पटेल अनजान जी ने बताया कि गुप्त जी और त्यागी जी दोनों साहित्यकारों की सफल जोड़ी ने अब तक कई लोकप्रिय एवं साहित्यिक पुस्तकों की रचना की है जिसमें इस पुस्तक के अलावा पंचरतन (विविधा संग्रह), जन्मदात्री माँ (विविधा संग्रह), इंद्रधनुष (गद्य संग्रह), जिद जीत की (प्रेरक संग्रह), दो टूक जिंदगी (काव्य संग्रह) आदि शामिल हैं।

अंत में श्रीमती नम्रता शुक्ला कृष्णप्रिया ने कहा कि सभी साहित्य प्रेमी तनीषा पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित इस महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी काव्य-संग्रह को एक बार अवश्य पढ़ें। यह पुस्तक अमेजॉन और फ्लिपकार्ट पर ऑनलाइन भी उपलब्ध है।

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