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Mirzapur : दवा खाने पर उलटी हो तो घबरायें नहीं – सीएमओ

मिर्जापुर, (उ.प्र.) : आजकल जिले समेत प्रदेश के 12 जनपदों में जोरशोर से फाइलेरिया अभियान चल रहा है। इस अभियान से जुड़े कई पहलुओं पर हमने बात की जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ प्रभु दयाल गुप्ता से। पेश है पूरा साक्षात्कार ….

खुलासच :  फाइलेरिया अभियान जिले में कब से चल रहा है ?

CMO डॉ प्रभु दयाल गुप्ता : फाइलेरिया अभियान जिले में 2004 से चलाया जा रहा है।

खुलासच :  फाइलेरिया अभियान वर्ष में कितने बार चलता है ?

CMO डॉ प्रभु दयाल गुप्ता : फाइलेरिया अभियान वर्ष में एक बार चलाया जाता है इस बार जुलाई माह में 15 दिनों तक चलाया जा रहा है।

खुलासच :  फाइलेरिया कैसे होता है ?

CMO डॉ प्रभु दयाल गुप्ता : फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है किसी भी उम्र का व्यक्ति इस बीमारी से ग्रसित हो सकता है। यह मच्छर आदमी को संक्रमित करता है जिसका पता चलने में 10 से 15 वर्ष भी लग सकते है।

खुलासच :  फाइलेरिया की दवा से किस प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है ?

CMO डॉ प्रभु दयाल गुप्ता : फाइलेरिया की दवा लेने के बाद जिन व्यक्तियों में माइक्रोफाइलेरिया के अंश रहेगे उन व्यक्तियों को कभी-कभी सर दर्द, बुखार, उल्टी एवं खजुली जैसी मामूली परेशानियों का सामना कराना पड़ सकता है। जो स्वतः ही समाप्त हो जाते है।

खुलासच :  फाइलेरिया की दवा और किन बीमारियों को खत्म करने में सहायक होती है ?

CMO डॉ प्रभु दयाल गुप्ता : फाइलेरिया की दवा रोग के साथ ही साथ पेट में मौजूद कीड़ों के अलावा खजुली के साथ ही जूं को भी खत्म करने में कारगर साबित होती है।

खुलासच :  अभियान को सफल बनाने में विभाग की ओर से क्या तैयारी है ?

CMO डॉ प्रभु दयाल गुप्ता : अभियान को सफल बनाने के लिए विभाग की ओर से 2338 टीमों को लगाई गई हैं। एक टीम में दो व्यक्ति तैनात हैं। टीम के सहयोग के लिए 470 सुपरवाइजरों को भी इस अभियान में लगाया गया है। जिले में अब तक कुल 85582 लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाई जा चुकी है।

खुलासच :  फाइलेरिया अभियान की दवा की दवा का क्या मानक है क्या इसका अभियान ख्याल रख रहे है

CMO डॉ प्रभु दयाल गुप्ता : अभियान की दवा मानक के अनुरूप ही दी जा रही है। फाइलेरिया की दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को नहीं खिलानी है। फाइलेरिया की दवाएं पूरी तरह सुरक्षित है। रक्तचाप, शुगर, अर्थराईटिस या अन्य सामान्य रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को भी ये दवाएं खानी हैं। सामान्य लोगों को इन दवाओं के खाने से किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। फाइलेरिया की दवा लेने के बाद कभी.कभी कुछ समस्याएं होना स्वाभाविक हो सकती है।

खुलासच :  फाइलेरिया की दवा खिलाने में बच्चों के अभिभावक /मां की क्या भूमिका है ?

CMO डॉ प्रभु दयाल गुप्ता : फाइलेरिया अभियान की दवा दो वर्षसे जायदा उम्र के बच्चों को खिलाते समय विशेष सावधानी रखनी चाहिए। दवा पिलाते समय कभी भी अभिभावक /मां को बच्चों का नाक व मुह बन्द कर दवा को नहीं देना चाहिए इससे स्वास नली अवरोध हो सकता है और बच्चे की जान जाने का भी खतरा बन जाता है।

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