✍️ अनीता गुलेरिया
दिल्ली : दक्षिण-पश्चिम जिले के मोती बाग इलाके में बीते सोमवार दोपहर डेढ बजे के करीब साउथ-कैंपस पुलिस को एक लड़की पर जानलेवा हमला होने की सूचना मिली। मौके पर पहुंची पुलिस ने ब्लॉक-बी पार्क के मुख्य द्वार पर मिली खून से लथपथ एक कुल्हाड़ी को अपने कब्जे में ले लिया । फॉरेंसिक-लैब व क्राइम टीम द्वारा घटनास्थल से अहम साक्ष्य जुटाए गए । दक्षिण-पश्चिम डीसीपी इंगित प्रताप सिंह अनुसार 16 वर्षीय नाबालिग घायल पीड़िता की सफदरजंग अस्पताल में अति-नाजुक स्थिति होने के कारण उसकी मां के बयान के आधार पर जिसमें उनके घर के पास रहने वाला (20) वर्षीय आरोपी प्रदीप उर्फ प्रवीण 11वीं की नाबालिग छात्रा का रास्ता रोकते हुए उसे काफी दिनों से परेशान करता आ रहा था और कुछ दिन पहले पीड़िता के मना करने पर आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दी भी थी । हत्या-प्रयास का केस दर्ज कर मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीपी धर्मवीर राठी के दिशा निर्देशन में थाना प्रभारी की अगुवाई में तीन टीमों को गठित कर आरोपी की धरपकड़ के लिए लगाया गया। एक टीम को हरियाणा के पलवल में रवाना किया गया, स्थानीय जानकारी अनुसार आरोपी की बहने पलवल में रहती थी ।
पुलिस मुताबिक आरोपी के छिपने के ज्यादातर आसार पलवल में ही नजर आ रहे थे। लेकिन इसके अलावा पुलिस की दूसरी टीम के प्रभारी इंस्पेक्टर मदन लाल मीना ने अपने सूचना-तंत्र माध्यमों से कई तरह की जानकारी जुटानी शुरू की । इस केस के मुख्य तौर पर जांच कर रहे तीसरी टीम-प्रभारी चंद्रशेखर द्वारा मिली जानकारी मुताबिक आरोपी के छिपने के संभावित-ठिकानों पर रातभर छापेमारी की गई । शातिर मुजरिम प्रदीप उर्फ प्रवीण पुलिस की नजरों से बचने के लिए हर बार अपना ठिकाना बदल रहा था आखिर पलवल के सिद्धार्थ नगर इलाके से पुलिस ने छापेमारी दौरान आरोपित प्रदीप को अपनी गिरफ्त में ले लिया । पुलिस ने आईपीसी 302/307 एक्ट तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच जारी रखते हुए पुलिस की संयुक्त टीम ने अपनी सजग-कार्यप्रणाली का परिचय देते हुए महज बारह घंटे के भीतर हत्या-प्रयास के आरोपित (सिरफिरे-आशिक) को सलाखों के पीछे उसके सही ठिकाने पहुंचाकर एक उम्दा कार्यशैली को दिया अंजाम ।