✍️ अनीता गुलेरिया
हिमाचल प्रदेश : कांगड़ा जिले में सोमवार सुबह भारी बारिश के बाद अचानक बादल फटने से आए भयंकर जल-सैलाब की तबाही को देखते हुए समस्त इलाके में इस आसमानी आफत (जल त्रासदी) का रौद्र-रूपीय मंजर चारों तरफ देखने को मिल रहा है । अचानक बादल फटने से धर्मशाला व कागंडा में आए तूफानी सैलाब में कई घर पेड व बाहर सैकड़ों की तादाद में खडी गाड़ियां इस (जल-त्रासदी) बहाव की भेट चढ गई । कांगड़ा के आला अधिकारी निपुण जिंदल ने धर्मशाला की यात्रा करने वाले तमाम पर्यटकों की सुविधा हेतु उन्हें अपनी पर्यटन-यात्रा को रद्द करने के लिए कहा है और जो पर्यटक पहले से यहां मौजूद हैं वह अपने स्थान पर ही रहे कहीं इधर-उधर दुर्गम इलाकों में जाने की कोशिश ना करें,किसी तरह की असुविधा होने पर (1077) पर हमे कॉल कर सकते हैं ।हिमाचल प्रदेश-सरकार द्वारा 16 जुलाई तक पूरी तरह अलर्ट घोषित किया गया है । इस महाजल आपदा सैलाब के चलते इलाके की सड़को के धसने व क्षतिग्रस्त होने की वजह से आवाजाही के साधन से पूरी तरह कट चुके हैं । बंद हुए रास्तों की वजह से (बचाव-दल) टीम को पीड़ित लोगों की सहायता के लिए पहुंचने में समय लग रहा है । इस भयानक बाढ़ के चलते चाहडी गांव में नौ वर्ष की बच्ची पानी के तेज बहाव में बह गई,दूसरी तरफ शाहपुर के गांव में छह मकान भूस्खलन होने पर जमींदोज हो गए । यहां बारह (12) लोग अभी तक लापता है,प्रशासनिक बचाव दल ने एक महिला की लाश बरामद की है । माझी खंड में आए भयंकर सैलाब के कारण तेज जल-बहाव में फंसे सात परिवारों को बचाव-दल टीम ने रसमय रहते वहां से निकाल लिया है । मौसम-विभाग ने 48 घंटे तक अभी भारी बारिश का कहर,ओले व बिजली गिरने की संभावना जताते हुए स्थानीय-निवासियों को पूरी तरह से सतर्क रहने की चेतावनी दी है । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हिमाचल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इस जल त्रासदी प्रकोप का ब्यौरा लेते हुए इस आपदा की चपेट मे आए लोगों की सहायता हेतु (एनडीआरएफ) टीमों को तुरंत भेजने का निर्देश जारी किए है । इस तरह हिमाचल प्रदेश में आई कुदरती आपदा के महाप्रकोप से किन्नौर,जिला कांगडा,धर्मशाला,ज्वालामुखी शिमला इत्यादि कई इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं । बता दें पठानकोट पर शाहपुर के पास रजोल खड के ऊपर बना पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है जिससे यातायात पूरी तरह से प्रभावित हुआ है । प्रशासनिक विभाग मुताबिक इस कुदरती आपदा जाल-त्रासदी से कितना जान माल का नुकसान हुआ है,सही स्पष्टीकरण देना अभी पूरी तरह से संभव नहीं नामुमकिन है ।