Khula Sach
ताज़ा खबरराज्य

Bhadohi : भाजपा (संगठन) बनाम भाजपा (निर्दलीय) की लडाई रोचक

रिपोर्ट : संतोष कुमार तिवारी 

भदोही, (उ.प्र.) : जिला पंचायत का चुनाव भाजपा बनाम निर्दलीय प्रत्याशी के बीच दिख रहा है लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी अनिरुद्ध त्रिपाठी के पक्ष में जिले के काफी मात्रा में भाजपा के नेता और दोनो भाजपा विधायक है। जबकि भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में भाजपा संगठन और भाजपा के कुछ नेता है। लेकिन जिस तरह जिले में भाजपा बनाम भाजपा की लड़ाई दिख रही है। वह कही न कही आने वाले चुनावों में केवल भाजपा को ही नुकसान पहुचायेगी। क्योकि जब भी भाजपा के विधायकों रविन्द्र नाथ त्रिपाठी और दीनानाथ भाष्कर से भाजपा में अन्तर्कलह की बात पूछी जाती तो वे इसे सिरे से खारिज कर देते लेकिन जिस दिन भाजपा प्रत्याशी की घोषणा हुई और फिर भाजपा के प्रत्याशी ने नामांकन किया उस समय दोनो विधायक नदारद रहे। बल्कि निर्दलीय प्रत्याशी और रविन्द्र त्रिपाठी के भाई के समर्थन में भाजपा के दोनो विधायक और करीब दो दर्जन भाजपा नेता बैठक करते देखे गये।

 नामांकन के पूर्व प्रदेश के ऊर्जा मंत्री रमाशंकर पटेल और भाजपा संगठन के लोगो ने विधायक रविन्द्र नाथ त्रिपाठी से मिलकर यह मांग की थी कि भाजपा प्रत्याशी का समर्थन करे और अपने भाई को निर्दलीय प्रत्याशी न बनाये। लेकिन फिर भी भदोही विधायक ने एक न सुनी और शनिवार को अपने भाई का नामांकन कराया तथा कई भाजपा से बागी तथा भाजपा नेताओं संग बैठक की। मालूम हो कि भाजपा ने जिला पंचायत चुनाव के दौरान टिकट वितरण के दौरान कई लोगो को पार्टी विरोधी गतिविधि कार्य करने से निष्कासित कर दिया गया था। जिसमें विधायक रविन्द्र नाथ त्रिपाठी के भाई और भतीजा भी शामिल था। लेकिन उस समय विधायक ने पल्ला झाड लिया था लेकिन भाई और भतीजे के जीतने के बाद से ही भदोही विधायक जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिए बिसात बिछाना प्रारंभ किया। और अब भाजपा के दोनो विधायक समेत भाजपा के कई नेता खुलकर निर्दलीय प्रत्याशी के पक्ष में देखे जा रहे है। अब यहां सवाल उठता है कि दोनो विधायक और अन्य भाजपा नेता जो हमेशा भाजपा की दुहाई देकर अपनी राजनीति चमकाते रहे। वही लोग आज खुलकर भाजपा के समर्थित प्रत्याशी का समर्थन न करके निर्दलीय प्रत्याशी का समर्थन कर रहे है। इन लोगो के तरफ से पार्टी विरोधी कार्य करने पर भाजपा प्रदेश संगठन कोई कार्यवाही करता है या बस यूं ही चलता रहेगा? भदोही जिले में क्या केवल यह सब इसलिए हो रहा है कि भाजपा के कूछ नेताओं के मनमाफिक जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी नही है या लोग संगठन को लेकर भाजपा का एक धडा नाराज है। भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ बैठक करने वालों को आखिर कैसे भाजपा का एक सच्चा कार्यकर्ता माना जाये जो अपने मन के हिसाब काम न होने से बगावत करने पर उतारू है। मानते है कि विधायक रविन्द्र नाथ त्रिपाठी का खुद भाई लड़ रहा है वे परिवार के साथ हो सकते है लेकिन विधायक के अलावा औराई विधायक और कई भाजपा नेता निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थन में है और भाजपा से निष्कासित व्यक्ति का समर्थन कर रहे है। यह बात राजनीतिक पंडितों को समझ में नही आ रहा है।

भदोही जिले में भाजपा के इसी अन्तर्कलह की वजह से 26 में से मात्र चार लोग ही जिला पंचायत का चुनाव जीत सके। और अब अध्यक्ष चुनाव के समय भाजपा की दरार एकदम साफ साफ दिखने लगी। जो आगामी चुनावों में भाजपा के लिए काफी नुकसानदेह हो सकती है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी अमित सिंह और निर्दलीय प्रत्याशी अनिरुद्ध त्रिपाठी अपनी अपनी जीत का दावा कर रहे है। जबकि सपा की श्याम कुमारी मौर्या को प्रस्तावक न मिलने पर नामांकन न कर सकी। जबकि पंचायत चुनाव परिणाम के बाद सपा के लोग खुब लम्बी लम्बी बात कर रहे थे लेकिन नामांकन के दौरान सपा की हवा निकल गई। और सपा को बैकफुट पर आना पडा। और इसी वजह से सपा के जिलाध्यक्ष को अपनी कुर्सी गवानी पड़ी। भले ही जिला पंचायत चुनाव से सपा हट चुकी है लेकिन आगामी चुनाव में सपा और मजबूती के साथ अपने को प्रस्तुत करेगी जबकि भाजपा का अन्तर्कलह आगामी चुनाव में बेशक भारी पड़ेगा।

Related posts

पेटीएम पेमेंट्स का नेतृत्व 6.4 मिलियन उपकरणों के साथ और मजबूत

Khula Sach

नाबालिक से छेड़खानी का आरोपी वांछित अभियुक्त गिरफ्तार

Khula Sach

साहित्यिक संस्था “आग़ाज़ ए महफ़िल” की ‘आग़ाज़ ए 2021’ काव्य गोष्ठी का आयोजन सम्पन्न

Khula Sach

Leave a Comment