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Mirzapur : जिले के सुपरमैन के लिए बज गए दुंदुभि और नगाड़े, मैच एकतरफा होने की ओर बढ़ता हुआ, सत्ता ने ली उधारी

रिपोर्ट : सलिल पांडेय

मिर्जापुर, (उ.प्र.) : जिले में 5 सालों के लिए सुपरमैन बनने की घड़ी आ गई है। इस बार इस पद के लिए एकतरफा मैच ही होने के आसार हैं लिहाजा मैच का बहुत अधिक रोमांच नहीं रहने की भी संभावना है।

44 में 40 गए बाकी बचे 4 : जिला पंचायत के लिए 44 सदस्य मिलकर अध्यक्ष चुनते हैं। इस बार चुनाव में अपने बलबूते पूर्व MLC विनीत सिंह ने यद्यपि 6 सदस्य जिताए लेकिन चुनाव के बाद जो स्थिति-परिस्थिति देखी-सुनी जा रही है, उसके अनुसार 44 में 40 सदस्य विनीत सिंह की रणनीति के फिलहाल दीवाने बताए जा रहे है। पिछली बार विनीत सिंह सपा की साइकिल को सिर्फ पंक्चर ही नहीं बल्कि उसका एक-पार्ट अपनी रणनीति की छेनी-हथौड़ी से तोड़ दिया था और उनकी पत्नी 44 में 34 वोट पाने में सफल रहीं जबकि साइकिल की सत्ता की धूम रही और विनीत स्वभावतः मन्द चाल के हाथी पर सवार थे। इस बार विनीत सिंह फिफ्टी-फिफ्टी ओवर के मैच की तरह आधे तो हाथी वाले ही हैं जबकि आधे कमल थामे भी बताए जा रहे हैं। उन्हीं की रणनीति से दंगल कुछ ऐसा हो गया है कि राजनीतिक पहलवानों के पास जो दांव है, वह इतना कमजोर है कि खुद ही चित्त कर देने के लिए पर्याप्त है।

साख का सवाल : जिला पंचायत के अध्यक्ष पद पर जो बैठता है, वह जिले का होता तो है सुपरमैन ही । उसमें कितना कूबत है कि वह जिधर निकले तो जयजयकार होती रहे। रह गई बात यह कि सुपरमैन गांव-गिरांव की धूल फांकता रहेगा तो *’वाह-वाह’* भी होती रहती है और सड़क-गिट्टी आदि भक्षण करने लगेगा तो फिर पद पर रहने तक माला पहनाने की मजबूरी रहती है, उसके बाद जो कुछ होता है, वह किसी से छुपा नहीं है।

उधारी पर सत्ताधीश : राजनीति के इस चुनावी खेल में शुरुआती दौड़ में ही काफी पीछे छूटकर हांफती सत्ता पार्टी को दिन में ही तारे नज़र आने लगे थे। राजनीति की आवश्यकताओं एवं मजबूरियों के दो पाट होते हैं। इन्हीं पाटों के बीच खड़े विनीत सिंह के लंबे दिनों से वाहन-ड्राइवर रहे सदस्य को सत्ताधीशों ने अपना सारथी इसलिए बनाया क्योंकि विनीत का पूरा नाम श्यामनारायण सिंह है और सारथी बनाते समय यह सोचा गया हो कि श्याम के साथ रहकर वाहन ड्राइवर भी महाभारत वाला श्याम तो बन ही गया होगा।

चुनाव निर्विरोध की ओर बढ़ता हुआ : यद्यपि नामांकन 26/6 से शुरु होगा। 25/6 तक तीन फार्म खरीदे गए थे। एक 26 को ही खरीदा जाएगा लेकिन हालात ऐसे बन रहे हैं कि चुनाव या तो निर्विरोध होगा या एकतरफा । निर्विरोध इसलिए हो सकता है क्योंकि कोई बंद मुट्ठी खोलकर अपनी असलियत जाहिर होने देना नहीं चाहेगा।

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