रिपोर्ट : निर्णय तिवारी
छतरपुर, (म.प.) : कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान छतरपुर जिले के लोग भीषण त्रासदी देख चुके हैं। ऑक्सीजन, दवाओं और इलाज के अभाव में कई लोगों की मौत हुई। कई लोग आज भी कोरोना से मौत का प्रमाण पत्र पाने अस्पताल और नगर पालिकाओं में भटक रहे हैं। यदि तीसरी लहर आयी तो इसी तरह के हालात फिर निर्मित हो सकते हैं क्योंकि राज्य सरकार और जिला प्रशासन कोरी वाहवाही लूटने के अलावा जमीनी स्तर पर काम नहीं कर रहे हैं। जिला अस्पताल में मई माह में लगने वाले दोनों ऑक्सीजन प्लांट आज तक नहीं लग पाए। तीसरी लहर में यदि ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत हुई तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?
यह सवाल छतरपुर विधानसभा के कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी ने उठाए हैं। उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जिला प्रशासन और सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अधिकारी और सरकार श्रेय की राजनीति का शिकार है। झूठे वायदे और घोषणाओं से वाहवाही लूटने के अलावा जमीनी स्तर पर काम करने का अभाव साफ दिख रहा है। जब अप्रैल के महीने में लोग ऑक्सीजन के लिए भटक रहे थे तब दावा किया गया था कि जिला अस्पताल में 300 लीटर प्रति मिनिट ऑक्सीजन निर्माण करने वाले एवं 1500 लीटर प्रति मिनिट ऑक्सीजन देने वाले दो प्लांट राज्य और केन्द्र सरकार की मदद से लगाए जा रहे हैं। इनकी स्थापना की घोषणा पर जिला प्रशासन और भाजपा नेताओं ने खूब वाहवाही लूटी थी लेकिन पिछले एक महीने से जिला अस्पताल में प्लांट के लिए आधार निर्माण करने के अलावा कोई काम नहंी किया गया है। श्री चतुर्वेदी ने कहा कि भोपाल और शिवपुरी में वायरस के नए मरीज मिलने लगे हैं। एक से डेढ़ महीने में तीसरी लहर का अंदेशा जताया जा रहा है इसके बाद भी जिला प्रशासन के पास ऑक्सीजन का ठोस इंतजाम नहीं हो पाया है। हमें याद रखना होगा कि अप्रैल की भयावह लहर के दौरान प्रतिदिन 500 से 1000 सिलेण्डर की जरूरत जिले में पड़ रही थी। यदि फिर से इसी तरह की त्रासदी निर्मित हुई तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। उन्होंने कहा कि सरकार और जिला प्रशासन समय रहते अपने वादों को पूरा करे अन्यथा कांग्रेस सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगी।