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काव्य कौमुदी परिवार द्वारा विश्व योग दिवस पर विशेष कार्यक्रम सम्पन्न

उत्तर प्रदेश : काव्य कौमुदी चेतना हिंदी मंच जो तेलंगाना साहित्य एकेडमी द्वारा अनुबंधित है ,, ने विश्व योग दिवस , 21 जून ,2021 पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन शाम 5 बजे से ऑनलाइन ज़ूम प्लेटफॉर्म पर किया ।इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही थीं उस्मानिया यूनिवर्सिटी द्वारा एफिलिएटेड कस्तूरबा गांधी कॉलेज – सिकंदराबाद से रिटायर्ड संस्कृत विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ शशिरेखा रेड्डी जी ।इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि थे हैदराबाद के मंत्री प्रगदा मार्कण्डेयउलू जी एवं मॉरीशस से जुड़ीं पुष्माओती सुबरुन जी । कार्यक्रम का संचालन डॉ कुमुद बाला ने किया ।योग दिवस पर सम्पन्न विशेष कार्यक्रम के बारे में उन्होंने बताया कि योग आज हमारे जीवन का अभिन्न बंधु है ।शरीर को निरोग रखने के लिए योग बहुत जरूरी है ।

डॉ शशिरेखा रेड्डी जी ने कोटी स्थित गांधी ज्ञान मंदिर में योग की शिक्षा ली तथा वे 70 वर्षों से योग कर रही हैं ।उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें ‘ योगरत्न ‘ की उपाधि से विभूषित किया गया है ।योग पर उनकी पुस्तक भी उपलब्ध है ।.योगशाला की योगबाला / स्वागत करती है योगबाला/हाथ में लिए योगामृत का प्याला/योग की बनी ये मुक्तिशाला/सबके लिए खुली है योगशाला/शुद्ध साँसों में भरना ये प्याला/प्रश्वासों से है ख़ाली करना/भरते जाना और पीते जाना/अक्षयपात्र का ये प्याला।

पुष्माओती सुबरुन जी मॉरीशस में योग की शिक्षा प्राप्त कर रही हैं तथा उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की है ।वे मॉरीशस के आर्ट्स एवं कल्चर विभाग में कार्यरत हैं तथा गुजरात एवं तेलंगाना साहित्य एकेडमी द्वारा सम्मानित हो चुकी हैं ।सदियों से ज्ञात है कि योग बहुत जरूरी है / इससे तन , मन और मस्तिष्क रहता है स्वस्थ व स्वच्छ/ बढ़ा देता है यह चयापचय की क्षमता को / भर देता है नई ऊर्जा और देता है नई उड़ान ।

मंत्री प्रागदा मार्कण्डेयउलू जी की 23 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकीं हैं तथा हिंदी , तेलुगु , इंग्लिश में उन्होंने हज़ारों की संख्या में कविताएँ लिखी हैं ।साथ 400 से ज्यादा हाइकू भी उन्होंने लिखा है ।ब्राज़ील तथा गुजरात साहित्य एकेडमी द्वारा सम्मानित हो चुके हैं।

हमारे तीनों अतिथियों ने योग से संबंधित अपने – अपने आलेख पढ़े और कविताएँ भी सुनाईं ।आगरा से जुड़े श्री संजय गुप्त जी ने भी अपना सुंदर आलेख पढ़ा ।वे प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी श्री करुणेश जी के पुत्र तथा बैंक से सेवा निवृत्त हुए हैं।

कोरोना पर विजय पाने को करना होगा नियमित योग।
प्रतिरोधक क्षमता की मजबूती से दूर रहेगा भयंकर रोग।।
अनुलोम विलोम कपालभाति संग लेते रहें पुष्ट आहार।
लहरों से बचने को पालन करें कोविड सम्मत व्यवहार।।

भुवनेश्वर की मंजुला अष्ठाना महंती जी ने भी अपनी कविता सुनाई और योग पर संदेश दिया।

अचूक मंत्र… ठिठक गया सुपर स्टार सहसा / युवक था बहुत ही व्यस्त सा चारों ओर बिखरी माटी गीली / तन पर धोती मात्र, हाथ कुदाली ।लखनऊ से जुड़ी *सरिता त्रिपाठी* ने भी योग पर ही अपनी कविता सुनाई ।

योग करना ना रखो सीमित, योग दिवस के लिए
अपना लो इसे साल भर, जीवन भर के लिए
डॉक्टर से रहोगे दूर, दवाईयों का ना होगा प्रयोग
न सोचो एक दिन का योग, सही है फिटनेस के लिए

डॉ अनुपम सक्सेना, जो फिटनेस एक्सपर्ट हैं, ने भी अपनी कविता सुनाई – भारत वर्ष नहीं दिया / दुनिया को यह मंत्र/ योग से हम स्वस्थ करें / शरीर के सब तंत्र.

डॉ कृष्णलाल बिश्नोई जी ने योग पर दोहे पढ़े –

करै जो योग जीवन में,बेड़ा उसका पार हो जाये।
तरै खुद औरों को तारै,नामी अवतार हो जाये।

डी रामा सुब्बा लक्ष्मी जी ने भी योग पर अपनी कविता पढ़ी- योगाभ्यास /सुंदर- सुकुमार शरीर चाहे तो/

बाह्य-अंतर सौंदर्य चाहे तोअवयव निरंतर वश में रखना चाहे तो/तंदरुस्ती- दीर्घायु पाना चाहे तो योगा ही एकमात्र साधन है। विशाखापटनम की डॉ भारती शर्मा ने भी सुंदर कविता पढ़ी -वीर तू ही धीर है / शुद्ध है प्रबुद्ध है/प्राण के ही योग सेशान्तचित बुद्ध है।डॉ निहारिका रेड्डी जो आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं , ने योग पर शानदार संदेश दिए तथा सभी को योग अपनाने की अपील की ।एलोपैथिक डॉ भरत सिंह जी ने भी योग को जीवन मे अपनाने की सलाह दी तथा अभी इस महामारी के समय मास्क पहनने की सलाह दी ।विशाखापटनम से जुड़ीं सुधा कुंमारी जुही ने कहा -भारतीय संस्कृति और साइंस ने कहा/तू भी ले ले ख़बर/योग कर।हो हो हो योग कर।/रामदेव ने कहा,मोदी ने भी कहा/बनाले इसे हमसफ़र/योग कर।हो हो हो योग कर। रांची , झारखंड से जुड़ीं डॉ पूनम सहाय निगम ने कहा – विचारों का अनुलोम विलोम कीजिये।/बुरे विचार बाहर

भले विचार भीतर/मन को पद्मासन में बिठाइए/तन को वज्रासन में रखिये/दिमाग को सूर्यासन कराइये/होठो को मुस्कुरासन/जीवन एक योग है/गुणा भाग में न पड़िये/योग करिये निरोग रहिये।अंत मे डॉ कुमुद बाला ने सूर्य ध्यान पर अपनी कविता सुनाई – मिलती है धूप मुफ्त में, आप सूर्य ध्यान कीजिये पञ्च तत्वों में है प्रमुख इसे, उचित सम्मान दीजिये /

योग है जीवन में जरूरी ,इसे शामिल करना चाहिए / मनुष्य जीवन है अनमोल , इसे व्यर्थ न करना चाहिए

स्वस्थ मस्तिष्क में है निहित, स्वस्थ जीवन का राज़
स्वस्थ विचार और स्वच्छता पर, अभिमान कीजिये।

अंत मे शशिरेखा रेड्डी , मंत्री प्रागदा , पुष्माओती सुबरुन ने अपने विचार और उचित सुझाव दिये ।धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ ।

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