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पावस ऋतु के स्वागत में ‘काव्य सृजन’ की ‘मराठी काव्य’ गोष्ठी

मुंबई: रा-सा-सा-व सांस्कृतिक संस्था काव्यसृजन द्वारा वर्षा ऋतु के आगमन का स्वागत मराठी भाषा में ऑनलाइन काव्यगोष्ठी आयोजित कर किया गया। पं-शिवप्रकाश जौनपुरी, डॉ-श्रीहरि वाणी और हौंसिला प्रसाद अन्वेषी जी के मार्गदर्शन व पं-श्रीधर मिश्र, आनंद पाण्डेय ‘केवल’ व सौरभ दत्ता ‘जयंत’ के सहयोग से संपन्न हुईं इस गोष्ठी में लगभग पूरे महाराष्ट्र और बाहर के अनेक साहित्यकारों ने रूचि तथा धैर्य पूर्वक सहभागिता की–

इस गोष्ठी का संयोजन सौ-पूजा नाखरे जी ने किया तथा इस अतुलनीय आयोजन की अध्यक्षता मराठी के सुप्रसिद्ध विद्वान गजल गुरू ए-के- शेख ने की। मुख्य अतिथि आदरणीय मकरंद बेहेरे जी की गरिमामय उपस्थिति में सौ-रंजना करकरे जी द्वारा बड़ी ही कुशलता पूर्वक, सुन्दर संचालन किया गया। अपने सुन्दर, संतुलित संचालन में रंजना जी ने लगभग 25 कवियों से मात्र दो घंटे की अवधि में ही विधिवत काव्य पाठ कराकर अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया–जो उनके संचालन की कुशलता एवम विशेषज्ञता को दर्शाता है।

जिस साहित्यिक आयोजन में जनाब ए-के- शेख सर जी हों वह आयोजन स्वतः ही अविस्मर्णीय हो जाता हैं उस पर यदि उनकी अध्यक्षता हो तो वह अद्भुत और आकर्षक हो जाता है। अपने अध्यक्षीय उद्वोधन में शेख साहब ने पर्यावरण संरक्षण के लिए सबसे एक पेड़ लगाने की जहाँ अपील की वहीं गजल के बारे में भी अपने सुझाव देकर नवीन रचनाकारों का भी मार्गदर्शन किया। पटल पर काव्य पाठ करने वाले सभी कवियों की रचना पर भी प्रकाश डालते हुए अन्त में अपनी प्रस्तुती से उपस्थित जनों को आह्लादित कर दिया।

आज की इस काव्यमय संध्या को अपनी खुशबू से महकाते, रस वर्षा करने वाले कवि–जनाब अब्दुल शेख सर,आनंद बेऊगडे, अपर्णा दाबके, अरुणा दुद्दलवार, आर्या राणादिव, आशा बर्वे, वरिष्ठ साहित्यकार दिवाकर वैशम्पायन, डॉ विवेक बोन्डे, कृष पवार, मकरंद बेहेरे,मीनल वसमतकर, निशा कटवी, पूजा नाखरे, प्रतिभा कुलकर्णी, संतोष मोरेगावकर, रंजना करकरे, रेखा वलवेकर, रेवती जोशी, सागर निम्बालकर, सतीश अहिरे, श्रीकृष्णा कालकर, स्मिता उधालिकार, सुभाष कटकदौण्ड, सूचिता वजे, स्वाति पालकर, तालीना मोदक, तनूजा बनसोड, वैशाली बोकिल, वर्षा सिंकर, वृंदा पारुलकर, ज्योत्स्ना करकरे, अंकुश शिंगाड़े, मंगल दलवी आदि रहे सभी ने एक से बढ़कर एक रचनाएं सुनाकर मोहित कर दिया।

श्रोता के रूप में कई गणमान्य विभूतियाँ अंत तक रुकी रहीं। जिसमें प्रमुख रूप से शारदा प्रसाद दुबे, रमेश माहेश्वरी ‘राजहंस’, डॉ श्रीहरि वाणी, हौसिला प्रसाद ‘अन्वेशी’, श्रीधर मिश्र, पं-शिवप्रकाश जौनपुरी, आनन्द पाण्डेय ‘केवल’, सौरभ दत्ता ‘जयंत’ जी आदि रहे’ अंत में संस्था के उपाध्यक्ष श्रीधर मिश्र जी ने पटल से जुड़कर आज के आयोजन में परिवार की शोभा बढ़ाने वाले कवि-कवयित्रियों व श्रोताओं का धन्यवाद- आभार व्यत्तफ़ करते हुए सबका अभिनंदन – वंदन किया।

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