✍️ मनीषा कुमारी
अपने बातों पे इंसान अटल रहेगा,
अपने ख्वाबों को पुरा करने के लिए,
कभी झूठा राह नही कोई अपनाएगा,
क्या ऐसा भी दिन कभी तो आएगा।
औरत कभी इज्ज़त की मोहताज नही होगी,
ईमान की कभी कोई बोली नही लगेगी,
पैसों के कारण कोई भी बच्चा भूखा नही रह पाएगा,
क्या ऐसा भी दिन कभी तो आएगा।
हर सख़्श के असली रूप होंगे,
कोई न किसी से राज छुपा पाएगा,
ग़रीब हो या अमीर हर एक बच्चा,
अपना सपना पुरा कर पाएगा,
क्या ऐसा भी दिन कभी तो आएगा।
दुख के बादल छट जाएंगे सुख का सवेरा आएगा,
किसी की बेबसी का माजक नही उड़ाया जाएगा,
सच के ख़ातिर किसी को सुली पे नही चढ़ाया जाएगा,
शांतिपूर्ण वातावरण होगा , स्वच्छ हवा मिल पाएगा,
क्या ऐसा भी दिन कभी तो इस जीवन मे आएगा।