निजी जीवन में किसी ‘वो’ पर भी शक
रिपोर्ट : सलिल पांडेय
मिर्जापुर, (उ.प्र.) : सिंचाई विभाग के ड्राइवर मूलचन्द पाल की हत्या के मूल में ठीकेदारी विवाद ही पुलिस को दिख रहा है। पुलिस दूसरे दिन बुधवार, 2/6 को इसी केस को वर्क-आउट करने के लिए उलझी रही।
इस बीच संदेह की सुई वाराणसी सहित अन्य जिलों की ओर घूमती रही। मृतक मूलचन्द के परिवार के नाम ठीकेदारी का रजिस्ट्रेशन था। मूलचन्द का फर्म बांधों के गेट की मरम्मत आदि के काम में माहिर था। वाराणसी सहित कई जनपदों में इनका फर्म काम चुका था। इसी बीच वाराणसी किसी काम में टेंडर डालते समय कुछ अन्य ठीकेदारों ने टेंडर न डालने के लिए मना किया था । हत्या के बाद हमलावरों का भटौली की ओर जाना वाराणसी कनेक्शन की ओर इशारा करता है। पुलिस ने इस कांड को चुनौती के रूप में लिया है। पुलिस अधिकारियों की कई चक्र की बैठक लगातार होती रही। बुधवार को भी देर-रात तक पुलिस प्रशासन जल्द हत्यारों का पता लगाकर उन्हें दबोचने के लिए मंथन कर रहा था ताकि सरकारी कर्मचारियों के रोष को ठंडा किया जा सके।
इसके अलावा इस बात को भी जांच का आधार बनाने पर मंथन होता रहा कि क्या किसी महिला का हाथ तो नहीं था। क्योंकि खबर यह उड़ती रही कि घटना के दिन वे पुत्र से अंडा लेने की बात कहकर निकले थे। फिर इस बीच किसी के फोन पर अन्यत्र तो नहीं चले गए? कोई निश्चित तथ्य तो फिलहाल सामने पहले दिन नहीं आया लेकिन नजदीकी लोग इस बात से इनकार नहीं कर रहे हैं। बहरहाल पोस्टमार्टम के बाद चील्ह घाट पर देर शाम अंतिम संस्कार कर दिया गया