मरीजों को खुशी खुशी घर वापस भेजना ही हमारा लक्ष्य है : डॉ. स्वामी पवार
रिपोर्ट : काली दास पाण्डेय
मुंबई : मलाड के थुंगा अस्पताल और मीरा रोड में स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल में प्रैक्टिस कर रहे फेफड़े के विशेषज्ञ और छाती रोगों के स्पेशलिस्ट डॉ स्वामी पवार का मानना है कि लोगों को चिंता से ग्रस्त नहीं होना चाहिए। महामारी के दौरान सही दिशा-निर्देशों और चिकित्सा सलाह का पालन करना सबसे महत्वपूर्ण होता है और लोगों को अफवाहों का शिकार नहीं होना चाहिए। डॉ पवार ने केईएम अस्पताल में अध्ययन किया है और महामारी के दौरान कई लोगों की मदद की है। उन्होंने COVID-19 से पीड़ित कई वरिष्ठ नागरिकों का भी सही से इलाज किया और उन्हें ठीक होने में मदद की है। उन्हें यह भी लगता है कि दवाओं का इस्तेमाल सही समय और सही स्थिति में किया जाना चाहिए।
उन्होंने कोरोना काल में मानव सेवा में क्रियाशील सभी फ्रंटलाइन योद्धाओं की तारीफ़ करते हुए कहा कि सीमित संसाधनों के बीच फ्रंटलाइन योद्धाओं ने बहुत अच्छा काम किया है और उनका इनाम केवल मरीजों के ठीक होना भर है। मैं पिछले 16 वर्षों से थुंगा अस्पताल से जुड़ा हुआ हूँ और मेरा फोकस पेशेंट को रिकवर करने पर है और रोगियों को सुविधाएं प्रदान करने पर है। ऐसे बहुत से लोग हैं जो इस वायरस से डरते हैं और जांच करने से इनकार करते हैं। उन्हें खुद का टेस्ट करवाना चाहिए और किसी भी अफवाह पर ध्यान नहीं देना चाहिए। यह महत्वपूर्ण है कि वे सही तरीके से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें और चिकित्सा सलाह के तहत जो उचित हो, वो करें।
उन्होंने आगे कहा, “लोगों के घर जाने पर जो खुशी मैं महसूस करता हूं, उससे मुझे अपार संतुष्टि और खुशी मिलती है। हम पिछले एक साल से काम कर रहे हैं। मेडिकल बिरादरी पूरे लॉकडाउन में काम कर रही है और कोविड19 का पहला चरण दूसरी लहर से भी ज्यादा मुश्किल था क्योंकि उस दौरान ज़रूरत की कई चीजों का अभाव था, …लोगों को स्वस्थ करने में हमलोगों ने कोई कसर नहीं छोड़ी उसी का परिणाम है कि हमलोग कोरोना को हराने में कामयाब नज़र आ रहे हैं।” देखा जाए तो डॉ स्वामी पवार एक ऐसे मसीहा के रूप में उभर कर सामने आए हैं जो इस कोरोना काल में लोगों की सेवा पूरी तन्मयता से कर रहे हैं।