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Mirzapur नगर में गंगा-सागर जैसे दृश्य, ओझला का बंद रेल-फाटक खोला जाए

‘कमिश्नर जिस काम में रुचि दिखाते हैं, उसे अंजाम तक पहुंचाते है’ की धारणा से जनता की है उनसे अपेक्षा

रिपोर्ट : सलिल पांडेय

मिर्जापुर, (उ.प्र.) : ‘सब तीरथ बार-बार, गंगा-सागर एक बार’ की महत्ता को देखते हुए लोग हल्दिया (पश्चिम बंगाल) के गंगा-सागर में स्नान और दर्शन के लिए जाते हैं। बरबस यहां के लोग जिले के कतिपय स्थानों में लग रहे जल-जमाव की तुलना गंगा-सागर से करते देखे जा रहे हैं।

ये स्थान हैं शास्त्री सेतु और जौनपुर तिराहे, दूधनाथ तिराहा और बसहीं तथा विन्ध्याचल में रेहड़ा चुंगी के पास स्थित रेलवे ब्रिज के अंडपास रोड, जहां पर नदियों जैसे बरसाती पानी को देखकर लोग ऐसा कह रहे हैं।

इधर दो दिनों से बरसात के चलते इन स्थानों पर नदी जैसा दृश्य हो गया है। यह आफत हर बरसात में आती है। हाय-हल्ला मचकर फिर कुछ दिन में थम जाता है।

यह इलाका बड़े स्कूलों का हब है। लॉकडाउन के चलते स्कूल फिलहाल बंद है लेकिन जब स्कूल खुले रहते हैं तब स्कूल वाहन पर बैठे बच्चे ड्राइवर द्वारा इस अस्थाई नदी में उतारते समय आंख बंद कर भगवान को याद करते हैं। कभी कभी दुर्घटनाएं हुई भी हैं।

सुझाव : इस संबन्ध में नामी स्कूल शेम्फोर्ड के डायरेक्ट ई विवेक बर्णवाल का कहना है कि ओझला (लोहिया तालाब) और बसहीं के बीच जिस रेलवे फाटक को रेल विभाग ने स्थायी रूप से बंद कर दिया है, उसे बरसात के वक्त खोल दिया जाए तो अंडरपास में हुए जलजमाव की जगह इधर से लोग आ-जा सकेंगे। चूंकि रेल विभाग क्रासिंग-सिस्टम खत्म कर रहा है तो आगे चलकर यहां ओवर ब्रिज बना दिया जाए ताकि अंडरपास में पानी लगने पर इसका प्रयोग हो सके।

इस संबन्ध में लोगों ने कमिश्नर योगेश्वर राम मिश्र से अपेक्षा की है कि वे इसमें रुचि लेकर रेल के बड़े अधिकारियों से बात करेंगे। लोगों का मानना है कि कमिश्नर जिस काम में हाथ लगाते हैं, उसे अंजाम तक पहुंचाते हैं।

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