ज्ञानपुर/भदोही, (उ.प्र.) : ईद-उल-फितर मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार होता है,जो रमज़ान के महीने के 29 अथवा कभी-कभी 30रोजे पूरे होने पर मनाया जाता है। चांद कमेटी के अनुसार आज ईद का चांद दिखाई दे गया है, अब शुक्रवार को ईद का त्योहार मनाया जाएगा।
जबकि कई जनपदों में आज ही ईद का मनाई गई है। भदोही की रुयते-हलाल कमेटी के सदर हाफिज परवेज अच्छे ने शुक्रवार को ईद का त्योहार मनाने की अपील की है।चांद दिखाई दे गया है। अब शुक्रवार को ही ईद का त्योहार मनाया जायेगा। दरअसल, ईद-उल-फितर मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार है, जो रमज़ान के महीने के पूरा होने पर मनाया जाता है. ईद-उल-फितर का त्योहार रमज़ान के 29 या 30 रोजे रखने के बाद चांद देखकर मनाया जाता है. सऊदी अरब, यूएई समेत तमाम खाड़ी देशों में 30 रोज़े पूरे होने के बाद चांद देखकर 13 मई को ईद मनाई गई है, जबकि भारत में 13 मई को ईद का चांद दिखाई दिया है। इसलिए 14मई को ईद का त्योहार मनाया जाएगा.
बता दें कि ईद-उल-फितर का चांद दिखाई देने के साथ ही रमज़ान का महीना खत्म हो जाता है और शव्वाल का महीना शरू होने के साथ ईद मनाई जाती है. इसलिए चांद के हिसाब की वजह से दुनियाभर में ईद मनाने की तारीख अलग-अलग होती है.
घरों में नमाज पढ़ने की अपील
कोरोना संकट को देखते हुए सभी धार्मिक स्थल बंद हैं, इसलिए मस्जिद में 5 लोगों से अधिक नमाज़ पढ़ने की इजाजत नहीं है। एक तरफ जहां प्रशासन मुस्तैद है तो वहीं, मौलाना और उलेमाओं की तरफ से घर में ही ईद की नमाज़ पढ़ने की अपील की गई है।इसके साथ ही कोरोना से महफूज रहने की दुआ करने की अपील की गई है। ईद पर गले न मिलने और सोशल मीडिया के माध्यम से मुबारकबाद के लिए भी कहा गया है. घर में परिवार के साथ ईद की खुशियां मनाने की गुजारिश की गई है। नमाज कोरोना संक्रमण को देखते हुए ये फैसला लिया गया है, कि लोगों ने जिस तरह शब-ए-बारात और शब-ए-कद्र के मौके पर खुद को संयमित किया है. इसी तरह ईद पर भी करेंगे. लिहाजा सभी लोग मस्जिदों और ईदगाहों में जमात के साथ नमाज़ बढ़ने की बजाए अपने घरों में नमाज़ अदा करें।