ब्रिजस्टोन और मोटर इंडिया के नए एम 721 टायर का प्रदर्शन फ्लीट ऑपरेटरों के लिए किया गया
साथ ही ट्रकों (फ्लीट) को टीसीओ कम करने के तरीके भी बताये गए
मुंबई : “गो एक्स्ट्रा” अभियान का समापन समारोह, पूरे भारत वर्ष की ट्रिप के बाद जयपुर में संपन्न हुआ। टायर टेक्नोलॉजी और सॉलूशन्स ब्रिजस्टोन , जो ब्रिजस्टोन इंडिया की सहयोगी कंपनी है, और चेन्नई से निकलने वाली प्रतिष्ठित व्यावसायिक व्हीकल (वाहन) मैगजीन (पत्रिका) के सम्मिलित सहयोग से यह अनूठे ढंग का समारोह आयोजित किया गया था। “गो एक्स्ट्रा” अभियान पिछले वर्ष के जनवरी महीने से शुरू किया गया था।
ब्रिजस्टोन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, के कामर्शियल बिजनेस, हेड मार्केटिंग, श्री तुषार बंसोड़े ने कहा, “हमें मोटर इंडिया जैसी प्रतिष्ठित वाहन की व्यावसायिक पत्रिका के साथ इस अभियान में साझेदारी करके बेहद ख़ुशी हुई है। इसका उद्देश्य हमारे आधुनिक वी-स्टील मिक्स एम 721 टायर को प्रमोट करना था। “गो-एक्स्ट्रा” अभियान के तहत ट्रकों ने देश भर के 35 से अधिक स्थानों को कवर किया और कुल 8,500 किमी की यात्रा सम्पन्न की। इस अभियान के जरिए सीवी इंडस्ट्री से जुड़े मुख्य भागीदारों जैसे फ्लीट ऑपरेटरों , ट्रक ड्राइवरों और मेकेनिकों को हमारे टायर से सम्बंधित नकारियां प्रदान कीं। साथ ही उनको महत्वपूर्ण सलाहें, सुझाव और समाधान भी बताये ताकि वे अपने व्यवसाय को बढ़ा सकें। हम इस बात को लेकर काफी उत्साहित हैं कि जिन ट्रांसपोर्ट केंद्रों पर ये इवेंट आयोजित किये गए, उसको बहुत अच्छा प्रतिसाद मिला।”
गो- एक्स्ट्रा अभियान, मोटर इंडिया के स्ट्रैटेजिक मार्केटिंग मैनेजर और हेड, श्री अविजीत लाहिरी ने कहा, “मोटर इंडिया के लिए यह गर्व की बात है कि उसने विश्व प्रसिद्ध ब्रांडों, जैसे ब्रिजस्टोन , शोक लीलैंड (ट्रकिंग पार्टनर), डीलक्स बिअरिंग (बिअरिंग पार्टनर ), जमना ऑटो इंडस्ट्रीज (सस्पेंशन र्टनर ) और एक्सकैलाईट -डीएच लाइटिंग इंडिया (लाइटिनिंग पार्टनर ) के साथ मिलकर इस अभियान में भागीदारी की। हम देश भर से मिले प्रतिसाद को लेकर काफी अभिभूत हैं। इस अभियान का असर सीवी सेक्टर से जुड़े हजारों लोगों के जीवन पर पड़ा है, उनको आगे जाने का मौका मिला है और वे अब अपने व्यवसाय को काफी आगे ले जाने में सफल होंगे, ऐसा मेरा विश्वास है।”
पूरे भारत वर्ष में चलाया गया यह अभियान काफी सफल रहा। इसमें कुल 8,500 किमी की दूरी 60 दिनों में तय की गयी और इस दौरान कुल नौ राज्य इसमें शामिल रहे। इसकी पहुँच लगभग 5,000 फ्लीट ऑपरेटरों, ड्राइवरों और मैकेनिकों तक रही, और उम्मीद है की इनको इसका फायदा लम्बे समय तक मिलेगा।