रिपोर्ट : तपेश विश्वकर्मा
मीरजापुर, (उ.प्र.) : बहुत ही सरल और निश्चल स्वभाव के सच्चिदानंद सिंह के जाने से पत्रकारिता के क्षेत्र में एक रिक्त स्थान हो गया। स्वतंत्र पत्रकारिता के साथ कई दैनिक अखबारों में भी सच्चिदानंद के द्वारा लिखा जाता था। कई साप्ताहिक व धर्म युग में भी उनकी लेखनीय काफी चर्चित रही। मीरजापुर जिले के इमरती रोड निवासी पत्रकार सच्चिदानंद सिंह पत्रकारिता के साथ ही घर में ही होम्योपैथी के कारोबार में भी सक्रिय थे। पत्रकार सच्चिदानंद सिंह दिल्ली प्रेस की सरल सलिल, मुक्ता, सरिता सहित अन्य पत्रिकाओं के अलावा मनोहर कहानियां, सत्यकथा, नूतन कहानियां, सच्ची दुनिया, मधुर कथाएं, महानगर कहानियां आदि विभिन्न पत्रिकाओं व समाचार पत्रों में अनवरत लेखन किया। सच्चिदानंद पिछले कुछ दिनों से गंभीर रुप से अस्वस्थ थे। उनका अचानक चले जाना बहुत ही कष्टकारी है। भगवान उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे और परिवार को दुख को सहन की शक्ति प्रदान करें।
उनके दुनिया से रुखसत हो जाने की दुखद खबर सुनते ही पत्रकारों का उनके आवास पर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका था। जैन टीवी के संवादाता व वरिष्ठ पत्रकार रामकृष्ण गुप्ता ने बताया कि सच्चिदानंद जी काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। गांडीव के संवाददाता व सीनियर पत्रकार शशि गुप्ता और उनके परम मित्रो मे “श्रीयम न्यूज नेटवर्क” के डायरेक्टर व सत्यकथा/पत्रकार लेखक ताराचंद विश्वकर्मा, संदीप श्रीवास्तव, तपेश विश्वकर्मा, आशुतोष गुप्ता, बृजेश गोंड आदि ने भी सच्चिदानंद के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपना सारा जीवन पत्रकारिता के ही प्रति समर्पित किया था जिनके चले जाने से पत्रकार समाज मे बहुत दुख व्यापत हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में सच्चिदानंद का योगदान काफी बड़ा था भगवान ऐसे दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को दुख सहने की क्षमता प्रदान करे।