र्रिपोर्ट : निर्णय तिवारी
छतरपुर, (म0प्र0) : जिले में कोरोना का कहर जारी है. जिले में हर दिन कोरोना के सैकड़ों नए मरीज मिल रहे हैं और ये संख्या लगातार बढ़ रही है. जिला अस्पताल, फीवर क्लीनिक के बाहर कोरोना टेस्ट के लिए लगी कतार बीमारी को दावत दे रही है क्योंकि जिस तरह लोग जांच के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं, उससे जो संक्रमित नहीं हैं, उनके भी संक्रमित होने का डर बढ़ गया है. लोगों की ये लंबी लाइन फीवर क्लीनिक के बाहर कोरोना टेस्ट कराने के लिए लगी है.
संक्रमण का खतरा ज्यादा : जिला अस्पताल छतरपुर का फीवर क्लीनिक जहां कोरोना का टेस्ट होता है, वहां लगी इस लंबी लाइन को देखकर कोई भी हैरान हो सकता है और इस लंबी लाइन में जिस तरह से लोग धक्का मुक्की करते हुए पहले नंबर पर आने को लगे हैं उसे देखकर और भी हैरान हो जाएंगे. बिना किसी सोशल डिस्टेंस वाली लंबी लाइन में शामिल होकर तो जो कोरोना संक्रमित न होगा और सिर्फ अपनी संतुष्टि के लिए कोरोना जांच कराने पहुंचेगा यहां तो उसके भी संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में कैसे कोरोना के इस बढ़ते संक्रमण को रोका जा सकेगा. जाहिर है कोरोना के इस कहर के बीच कोरोना टेस्ट कराने वालों की संख्या ज्यादा है ऐसी जगहों पर तो सोशल डिस्टेंस की और ज्यादा जरूरत होती है लेकिन यहां ऐसा कुछ भी होता नजर नहीं आ रहा है.
जांच का समय बढ़ाने की है आवश्यकता : अभी वर्तमान में फीवर क्लिनिक में जांच का समय सुबह ९ से ४ बजे तक है जबकि यह इमरजेंसी सर्विस है इसको वैसे तो २४ घंटे होना चाहिए फिर भी इसका समय कम से कम रात्रि १० बजे तक तो होना ही चाहिए। अन्य बीमारियों के मरीजों को पहले कोविद टेस्ट कराना होता है जब कहीं डॉक्टर उन्हें देखते हैं ऐसे में सबसे ज्यादा समस्या गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को आती है कि जब जांच ०४ बजे के बाद बंद हो जाती है तो ऐसे में पीड़ित को जांच के लिए अगले दिन का इन्तजार करना पड़ता है। भीड़ को देखते हुए जांच काउंटर बढाए जा सकते हैं या २ जगह किये जा सकते हैं जिससे सोशल डिस्टन्सिंग भी मेन्टेन होगी और ऐसे में कोरोना के इस बढ़ते संक्रमण को भी रोका जा सकेगा. एक और उपाय है कि जांच के लिए कोई व्हाटस एप्प नंबर जारी किया जाए जिससे ऐसे मरीज जिन्हें हलके फुल्के लक्षण के कारण शंका है और वह जांच कराना चाहते हैं फीवर क्लिनिक जाने के पहले अपना अपॉइंटमेंट ले जिससे वह भीड़ वाले समय में जाने से बच सकेगा और कोरोना संक्रमित होने से भी। ऐसे में अस्पताल फीवर क्लिनिक में डायरेक्ट सिर्फ वही व्यक्ति पहुंचंगे जो वास्तव में गंभीर पीड़ित है जिससे भीड़ भी नहीं होगी. और सिर्फ अपनी संतुष्टि के लिए कोरोना जांच कराने पहुंचे लोगों को संक्रमित होने का खतरा भी नहीं रहेगा।