मास्क को जीवन का हिस्सा बना चुके हैं जिला कार्यक्रम अधिकारी कहा, लोगों के बीच न उतारें मास्क, दूसरों को भी करें जागरूक
रिपोर्ट : तपेश विश्वकर्मा
मिर्जापुर, (उ0प्र0) : कोरोना एक बार फिर तेजी से पांव पसार रहा है । ऐसे में हर किसी को अपनी सुरक्षा के बारे में खुद ही सोचना होगा और बचने के जरूरी उपाय करने होंगे । इस दौरान जरूरी एहतियात बरतकर क्षेत्र में डटे बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) के जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) और 14 बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) कोरोना से खुद को बचाने में सफल रहे हैं। उन सभी का मानना है कि खतरा अभी टला नहीं है। इसलिए सभी को कोरोना के प्रति सावधानियों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रमोद कुमार सिंह का कहना है कि मास्क का प्रयोग कोरोना को दूर रखने का सबसे कारगर उपाय है। विभाग के बाल विकास परियोजना अधिकारी क्षेत्र में काम के दौरान मास्क लगाये रहे, कभी मास्क को नहीं उतारा | इसका नतीजा यह रहा कि आज भी जिले में मात्र यह एक ऐसा विभाग है, जहां कोई भी अधिकारी व स्टाफ कोरोना की चपेट में नहीं आया है। पिछले वर्ष मार्च 2020 से ही इन सभी ने मास्क को अपने जीवन का एक हिस्सा बना लिया | इसका नतीजा यह रहा कि आज तक यह सभी कोरोना से सुरक्षित रहे । वह दूसरों को अपने क्षेत्र में जाने पर जागरूक भी कर रहे हैं और बिना मास्क के जो मिलने आता है तो उसे अपने पास से मास्क देकर लगाने का भी परामर्श देते हैं ।
बाल विकास परियोजना अधिकारी विमलेश कुमार ने बताया कि लाकडाउन के दौरान प्रवासियों का कोरोना टेस्ट, घर– घर पुष्टाहार का वितरण और कोविड सेंटर जैसे स्थानों पर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर चुके हैं । इस दौरान अक्सर भीड़-भाड वाले स्थानों पर रहना पड़ा। इसके बाद भी कभी भी मास्क को न तो चेहरे से उतारा और न ही लगाना छोड़ा। इनके परिवार में इनके अलावा दो बच्चें भी हैं, जिसके कारण बाहर निकलने में डर लगता था लेकिन कोविड के नियमों पर भरोसा रखा। लाकडाउन के दौरान एक बार बुखार भी आया तो तुरन्त कोविड सेंटर जाकर जांच भी करवाया। रिपोर्ट निगेटिव आई। डाक्टर ने बताया कि मौसमी बुखार आया था। इसके बाद मुझे व मेरे परिवार वालों को पूरा विश्वास हो गया कि मास्क व हाथों की स्वच्छता, घर में आने के बाद हर चीजों को सैनेटाइज करने की आदत अगर जीवन में शामिल कर ली जाये तो जीवन में तमाम होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है।
दोनों डोज के बाद भी रख रहे हैं सावधानी
जिला कार्यक्रम अधिकारी समेत तमाम अधिकारी दोनों डोज लगवाने के बाद भी मास्क लगाने व स्वच्छता का व्यवहार अपना रहे हैं और अपने क्षेत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व केन्द्र व आने वाली महिलाओं को भी टीका लगवाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।