रिपोर्ट : तपेश विश्वकर्मा
मिर्जापुर, (उ.प्र.) : कोरोना हो या फिर कोई अन्य वायरस, उसके प्रभाव को खत्म करने में भाप लेना अत्यधिक सार्थक साबित हो रहा है । यह बात गुरूवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. पी0डी0 गुप्ता ने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों के साथ बैठक के दौरान कही।
बैठक में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा0 प्रदीप ने बताया कि भाप लेना गले में खराश, खांसी, जुकाम और होने वाले मौसमी बुखार को भी कम करने में सहायक साबित हो रहा है । यदि हम सब ठण्ड के मौसम में किसी भी प्रकार की ठण्डी वस्तुओं का सेवन नहीं करते हैं तो यह शरीर में किसी भी प्रकार से नहीं पहुंच सकता | यदि वह किसी भी प्रकार से अन्दर प्रवेश कर लेता है तो भाप अवश्य लीजिये, जो वायरस शरीर के अन्दर गया है व सेल्स के अन्दर नहीं पहुंचा सका है तो वह कभी भी नहीं मरता है। वायरस शरीर के अन्दर पहुंचने के बाद अपनी संख्या को तेजी से बढ़ाता है। पांच दिन में सेल्स स्वयं मर जाती है तथा बलगम के साथ बाहर आता है। अधिकतर सुबह व शाम को भाप अवश्य लेना चाहिए। यदि कोई उपचाराधीन है तो उस व्यक्ति को तीन-तीन घण्टे पर भाप लेना चाहिए।
भाप कैसे खत्म करता है वायरस
पानी से भाप बनने में 259 किलो जूल्स एनर्जी लगती है और जब यही भाप पानी बनती है तो 259 किलो ज्ूल्स एनर्जी छोड़ती है । नाक के रास्ते भाप अन्दर प्रवेश कर पानी बनने के बाद बाहर आ जाता है, इसी के साथ वायरस भी खत्म हो जाता है।
भाप सांस सम्बन्धी बीमारियों से भी बचाता है
यदि कोई भी व्यक्ति वायरस से संक्रमित है तो उसके अन्दर बलगम बनने लगता है । इस बलगम का बाहर निकालने में भाप लेना एक अत्यन्त कारगर हथियार साबित हो रहा है। भाप को ठण्ड के मौसम में लगातार लेते रहने के कारण सांस सम्बन्धी बीमारियों से बचाव होता है।