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एनआईयूए और बीवीएलएफ ने नवजातों, शिशुओं और उनकी देखभाल करने वालों के लिये आसान ‘परिवेश प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पाठ्यक्रम’ आरम्भ किया

मुंबई : नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआईयूए) ने बर्नार्ड वैन लीयर फाउंडेशन (बीवीएलएफ) की साझेदारी में 13 अप्रैल 2021 को नवजातों, शिशुओं और उनके देखभाल करने वालों के लिए वर्चुअल तरीके से ‘इन्फैंट, टोडलर एंड केयरगिवर फ्रैंडली नेबरहूड्स (आईटीसीएन) ट्रेनिंग एंड कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम’, यानी परिवेश प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पाठ्यक्रम का शुभारम्भ किया। यह प्रोग्राम भारत के शहरों के भीतर छोटे बच्‍चों और परिवार के लिये अनुकूल पास-पड़ोस विकसित करने के लिये शहर के अधिकारियों और युवा पेशेवरों की क्षमता निर्माण में मदद के लिये तैयार किया गया है।

यह प्रोग्राम शहरी स्‍तर के प्रोग्रामों में आस-पड़ोस के स्‍तर पर नवजातों, शिशुओं और देखभाल करने वालों (केयरगिवर्स) की जरूरतों के पाठ समाहित करने और प्रयास बढ़ाने के लिये एनआईयूए और बीवीएलएफ के बीच लंबी अवधि की भागीदारी की निरंतरता में है। इस प्रोग्राम के अंतर्गत शहर के अधिकारियों और युवा पेशेवरों को प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के मॉड्यूल्‍स के जरिये कुशल बनने का प्रस्‍ताव दिया जाता है। यह प्रशिक्षण सुगठित संरचना वाले प्रशिक्षण मॉड्यूल्‍स के माध्‍यम से देने का प्रस्‍ताव है, जो नेशनल अर्बन लर्निंग प्‍लेटफॉर्म (एनयूएलपी) द्वारा ऑनलाइन प्रदान किये जाते हैं। एनयूएलपी प्‍लेटफॉर्म को एनआईयूएस और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) द्वारा ज्ञान के प्रसार के लिये विकसित किया गया है।

इस प्रोग्राम की कल्‍पना दो उद्देश्‍यों के साथ की गई है : पहला, आस-पड़ोस और शहर के स्‍तर पर शहरी विकास की प्रस्‍तावित और जारी पहलों के भीतर एनआईयूए और बीवीएलएफ द्वारा विकसित ज्ञान के भंडार से शिक्षा लेना; और दूसरा, शहर की विभिन्‍न पहलों में छोटे बच्‍चों और केयरगिवर्स की रोजाना की जरूरतों को देखते हुए इस शिक्षा में भाग लेने वालों को सहयोग देना। इसके अलावा, युवा पेशेवरों के लिये एक शैक्षणिक मान्‍यता प्राप्‍त कोर्स की योजना है, ताकि वे शहर में छोटे बच्‍चों (0 से 5 साल के) की जरूरतों के प्रति संवेदनशील बनें और इस उद्देश्‍य के लिये पर्याप्‍त टूल्‍स से सुसज्जित रहें।

यह इवेंट भारत सरकार के आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव और मिशन डायरेक्‍टर (स्‍मार्ट सिटीज) श्री कुणाल कुमार ने रिमोट से लॉन्‍च किया। इस इवेंट में एनआईयूए के निदेशक श्री हितेश वैद्य, बीवीएलएफ की भारत प्रतिनिधि सुश्री रूशदा माजीद, एनआईयूए में सेंटर फॉर डिजिटल गवर्नेंस की नेशनल प्रोग्राम हेड सुश्री काकुल मिश्रा और एनआईयूए में समावेशी विकास के वरिष्‍ठ सलाहकार श्री अजय सूरी की मौजूदगी रही। दूरस्थ भागीदारे करने वालों में स्‍मार्ट सिटी के सीईओ, म्‍युनिसिपल कमिश्‍नर्स और युवा पेशेवर भी शामिल थे।

भारत सरकार के आवास एवं शहरी मामला मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव एवं मिशन डायरेक्‍टर (स्‍मार्ट सिटीज), श्री कुणाल कुमार ने कहा कि, “बच्‍चों के लिये डिजाइन किया गया शहर सभी के लिये अच्‍छा होता है। डाटा के मामले में स्‍मार्ट और नवजात, शिशु तथा केयरगिवर के लिये परिवार-अनुकूल आस-पड़ोस सुनिश्चित करने के लिये शहरों का क्षमता निर्माण करना भविष्‍य की उत्‍पादनशील अर्थव्‍यवस्‍था में निवेश करना है।”

एनआईयूए के डायरेक्‍टर हितेश वैद्य ने कहा कि, “जब हम बच्‍चे के दृष्टिकोण से शहर की योजना बनाते हैं, तब हम न केवल वर्तमान में निवेश करते हैं, बल्कि आने वाली पीढि़यों के लिये भी, ताकि वे विकास के परिणामों को सँजोए और उनका आनंद लें। ऐसा करने के लिये, बच्‍चे के दृष्टिकोण से आस-पड़ोस/स्‍थानीय स्‍तर पर योजना बनाना महत्‍वपूर्ण होता है।”

बर्नार्ड वैन लीयर फाउंडेशन की भारत प्रतिनिधि रूशदा माजीद ने कहा कि, “कोई भी शहरी योजना उसके नि‍वासियों की जरूरतों की समझ पर केन्द्रित होती है और सबसे छोटे बच्‍चे अक्‍सर इसका सर्वश्रेष्‍ठ संकेत देते हैं कि सभी लोगों को क्‍या चाहिये। एनआईयूए के साथ भागीदारी में हमारा लक्ष्‍य शहर के अधिकारियों और युवा शहरी प्‍लानर्स को सही प्रशिक्षण, टूल्‍स और संसाधन प्रदान करना है, ताकि उनके शहर छोटे बच्‍चों और उनके परिवारों के लिये ज्‍यादा न्‍यायसंगत, समावेशी और मितव्‍ययी हों।”

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