ठाणे : प्रतिवर्ष लाखों रुपये की बिजली भुगतान से निजात पाने के लिए मर्फी स्थित ठाणे आरटीओ राज्य का पहला कार्यालय बन गया है। जहाँ सौर ऊर्जा प्रकल्प स्थापित किया जा रहा है। कार्यालय का 90 से 95 फीसदी काम प्रति माह 3,500 यूनिट से मिलने वाली बिजली से पूरा किया जाएगा। यह जानकारी सहायक प्रादेशिक परिवहन अधिकारी कमलेश चव्हाण ने दी है।
उल्लेखनीय है कि सरकारी कार्यालयों में बिजली गुल होते हुए ही सभी तरह के कामकाज ठप्प हो जाते हैं इसके लिए शासन प्रशासन द्वारा बड़े कार्यालयों में सौरऊर्जा प्रकल्प स्थापित करने का काम किया जा रहा है। शासन से हरी झंडी मिलने के बाद प्रादेशिक परिवहन अधिकारी रविन्द्र गायकवाड़ के मार्गदर्शन में लाहस प्रतिष्ठान ठाणे के सहयोग से मर्फी कार्यालय स्थित मुख्य इमारत के टेरिस पर सोलर पैनल स्थापित करने का काम शुरू किया गया है। इस कार्यालय में ट्रांसपोर्टर रजिस्ट्रेशन, स्थाई लायसेंस सहित ट्रांसपोर्ट से संबंधित अन्य कार्य किये जाते हैं। प्रतिदिन 300 से 400 नागरिक तरह तरह के कामों के लिए आते है। कभी कभार बिजली गुल होने की वजह से लोगों को भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। अब कार्यालयीन कामों के लिए लगने वाले सारे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सौर ऊर्जा से संचालित होंगे। इससे ना केवल बिजली की बचत होगी बल्कि महिनों के सवा लाख से डेढ़ लाख तक आनेवाले बिजली से निजात मिल जाएगी।
लाहस प्रतिष्ठान के गुलाब जाधव ने बताया कि इस सोलह सिस्टम में फ़ोटो व्हालटिक पैनल स्थापित किया गया है। 25 किलोवॉट क्षमता के 72 पैनल हैं जिस पर 15 लाख रुपये खर्च हुए हैं। एक्सपोर्ट इम्पोर्ट पद्धति से बिजली का वितरण होगा। इसके लिए रिवर्स मीटर लगाया गया है। इससे साल की 42 हजार यूनिट पैदा होगी। 25 वर्ष की गारंटी के साथ देखभाल व मरम्मत का खर्च शून्य है।