– ब्यूरो रिपोर्ट
मीरजापुर, (उ.प्र.) : पौराणिक कथा है कि महादेव से वरदान पाकर भष्मासुर का अहं जाग गया था। वह भगवान शिव के ऊपर ही हाथ रखने के लिए दौड़ पड़ा। भगवान शिव उसे रोकने और समझाने का काफी प्रयास किया। लेकिन हुआ वही जिससे महादेव उसे बचाना चाहते थे। जिले में कोरोना के 38 मरीज पाजिटिव होने के बाद भी लोगों में अपनी जान की सुरक्षा के साथ ही परिवार की कुशलता बेमानी हो गई है। आज भी रोग से बचने के लिए मास्क पहनने से शर्मा रहे लोग “आ बैल मुझे मार” की कहावत को चरितार्थ करने में लगे हैं । सरकारी आंकड़े के अनुसार अबतक जिले में 3511 लोग इस रोग की चपेट में आ चुके हैं। 31 मार्च तक 3426 लोग इससे लड़कर बाहर आ गए। जबकि 47 नागरिक जंग में अपनी जान गंवा चुके हैं। फिर भी जागरूकता के अभाव में लोग बेखौफ घरों से निकल रहे हैं और गुनगुना रहे है कि हम तो ठहरे भष्मासुर तुम हमको क्या बचाओगे।
कोरोना से जारी जंग से बचने के लिए विंध्याचल मंडल के कमिश्नर योगेश्वर राम मिश्रा एवं जिलाधिकारी प्रवीण लक्षकार ने कोविड-19 के नियमों का पालन करने का आह्वान किया है। इसके बावजूद सड़क पर बाजारों में निकले लोगों में कोई जागरूकता नजर नहीं आ रही हैं। गिने चुने लोग ही मास्क लगाकर घरों से निकल रहे हैं। जबकि तमाम लोग अभी भी सामान्य दिनों की तरह अपने कार्य को निपटा रहे हैं। काम निपटाने के चक्कर में कहीं वह निपट न जाए जिला प्रशासन की अपील की जगह लगता है कि उन्हें पुलिस के डंडे का इंतजार है। पिछले वर्ष मास्क को लेकर बरती गई कडाई के कारण लोग मास्क लगाना याद रखते थे। वह बाहर निकले और बिना मास्क लगाकर घूमने पर चौराहे पर तैनात पुलिस की नजर उन पर पड़ गई तो चालान कटना तय था। इस वर्ष अभी तक जिला प्रशासन की ओर से केवल अपील की जा रही है दंडात्मक कार्यवाही अभी नहीं अपनाया गया है। कुछ लोग तो वक़्त की गंभीरता को समझ कर कोविड-19 के नियमों का पालन कर रहे हैं। तमाम लोगों को लगता है कि पुलिस के डंडे का बेसब्री से इंतजार है। आखिर मास्क लगाने से हम सुरक्षित रहेंगे हमारा परिवार सुरक्षित रहेगा। यही तो सरकार की भी मंशा है, लेकिन जब अपने भाग्य में पुलिस की बेंत और चालान कटना लिखा है तो उसे कौन रोक सकता है। आखिर अपनी और परिवार की सुरक्षा अपने हाथ में हैं।