विश्व स्वलीनता जागरूकता दिवस (2 अप्रैल) विशेष पर
– डॉ। मनोज कुमार तिवारी
स्वलीनता एक विकासात्मक दिव्यांगता है। अधिकांश में इसका लक्षण बचपन से शुरू होता है जिसमें बच्चे दूसरों के साथ बातचीत करने और अपनी बात को दूसरों को समझाने में समस्या महसूस करते हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार भारतवर्ष में 1.5% बच्चों में स्वलीनता का लक्षण पाया जाता है। 10 वर्ष की आयु तक प्रत्येक 100 बच्चे में से 1 बच्चे में स्वलीनता के लक्षण पाए जाते हैं।
स्वलीनता के लक्षण
- Isars से अधिक सहभागिता करना
- बातचीत करने में हकलाना
- नाम बुलाने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे
- बातचीत करते समय आंख न मिलाना
- बच्चों के साथ खेलने के बजाय खिलौनों में अधिक रुचि लेते हैं
- असामान्य तरीके से हाथों, पैर या शरीर के किसी अंग को हिलाना
- प्रयोग न होने वाली वस्तुओं के प्रति अधिक लगाव रखना
- दूसरे के व्यवहारों का अनुकरण न कर पाना
- एक ही व्यवहार को बार-बार खुला लाना
- किसी वस्तु की तरफ इशारा करने पर भी उस पर ध्यान न दे पाना
- एक ही बात को बार-बार खोलना # सीखने की क्षमता में कमी
- सेल्फ कैर में कमी
- कल्पना शक्ति की कमी
स्वलीनता के कारण
- आनुवांशिक कारण: अध्ययनों में पाया गया है कि अगर परिवार या निकटतम रिश्तेदार में स्वलीनता की समस्या हो तो उन परिवारों के बच्चों में समस्या होने की संभावना अधिक होती है।
- गुणसूत्रीय नियम
- तंत्रिका तंत्र में गड़बड़ी
- वायरल संक्रमण
- गर्भावस्था की समस्याएं
- गर्भावस्था में बिना चिकित्सक की सलाह के दवाओं का उपयोग
- गर्भावस्था में नशा का सेवन करना # टीकाकरण न करना
- वायुमंडल
माता-पिता के लिए टिप्स
- हम उम्र के बच्चों के साथ खेलने के लिए प्रेरित करें
- दोस्त और परिवार के सदस्य के साथ अधिक से अधिक समय व्यर्थ करने का अवसर दें
- बच्चों के गुणों की पहचान कर उसे विकसित करने का प्रयास करें
- बच्चे से संबंधित परिवर्तनों को नोट करके रखें ताकि चिकित्सक और अन्य व्यक्तियों को बता सकें
- बच्चे को सामूहिक रूप से काम करने का अवसर दें
- सामाजिक कौशलों के विकास के लिए प्रशिक्षण प्रदान करें
- निर्णय लेने की क्षमता विकसित करें # बच्चे से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करें
- बच्चे के साथ मित्रवत व्यवहार करें
- तनाव रहित वातावरण प्रदान करते हैं
स्वलीनता का इलाज
- व्यवहार चिकित्सा
- चल चिकित्सा
- ऑकेशनल थपकी
- दवाएं
(लेखक वरिष्ठ परामर्शदाता एआरटी सेंटर, एसएस हॉस्पिटल, आईएमएस, बैकुण्ठ, वाराणसी है।)