रिपोर्ट : सलिल पांडेय
मिर्जापुर, (उ.प्र) : न्यायिक अदालतों के विकेंद्रीकरण के विरोध में सशक्त ढंग से मुख्यालय पर विरोध कर रहे डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन की वकालत करने नगर विधायक श्री रत्नाकर मिश्र गुरुवार, 1/4 को प्रदेश के न्यायमंत्री के चौखट पर पहुंचे तथा एसोसिएशन की दलीलों से उन्हें अवगत कराया तथा चुनार में सिविल कोर्ट के बाद फौजदारी अदालत के स्थान्तरण नहीं करने के संबन्ध में प्रभावशाली तर्क पेश किया।
तर्क : फौजदारी अदालत चुनार में स्थापित होने पर चुनार, अदलहाट, जमालपुर एवं अहरौरा थाने के फौजदारी मुकदमे पूरी तरह से तो कछवा थाना के आधे हिस्से के मुकदमें यहीं से निस्तारित होने लगेंगे। अधिवक्ताओं की दलीलों से मंत्री श्री पाठक को अवगत कराते हुए नगर विधायक श्री मिश्र ने कहा कि विकेंद्रीकरण से अदालतों की गरिमा पर विपरीत असर पड़ेगा। जगह-जगह अदालतों के खुलने से स्वच्छंदता की संभवनाएं बढ़ जाती हैं ।
प्रथम स्तर पर सफल हुए विधायक : लखनऊ में नगर विधायक रत्नाकर मिश्र सफल रहे और कानून मंत्री बृजेश पाठक को अधिवक्ताओं के पक्ष में राजी कर लिया। श्री पाठक ने नगर विधायक की मांग मानकर फौजदारी कोर्ट चुनार न ले जाने का आदेश प्रमुख सचिव को दिया ।
अब प्रमुख सचिव के पाले में गेंद : मंत्री के आदेश से उत्साहित नगर विधायक को भरोसा है कि इस आदेश का पालन सचिवालय स्तर पर होगा। अब प्रमुख सचिव के निर्णय का इंतजार करना पड़ेगा।