विन्ध्याचल/मीरजापुर, (उ.प्र.) : माँ विन्ध्यवासिनी प्रांगण में दसकों पुरानी परंपरा के अंतर्गत पाँच दिवसीय होली समारोह का शुभारंभ रंगभरी एकादशी मंगलवार से प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत माँ विन्ध्यवासिनी के चरणों मे अबीर गुलाल अर्पित करने के पश्चात मन्दिर प्रांगण में होलीगीतों के साथ हुई। जिसमें स्थानीय कलाकारों ने एक से बढ़कर एक होलीगीतों की प्रस्तुति की।
सबसे पहले गायक प्रदीप पाण्डेय ने “अम्बे विन्ध्य शिखर होरी, खेलत श्री जगदम्ब” होलीगीत की प्रस्तुति की। धर्मेन्द्र भट्ट ने “कन्हैया काढ़ी न दो मोरे, आँखन करके गुलाल। बशिष्ठ नारायण पाण्डेय ने ” को संग खेलै होरी, श्याम न आये गोरी व कृष्ण कन्हैया अनोखे ललन, ज़रा फेको संभल के गुलाल “गायक रविशंकर शास्त्री ने ” आयो फगुन नचिकाना, श्याम तेरो पता ना ठिकाना व होली मची मथुरा की नगरिया, सूझत ना कैसे जाऊं डगरिया। शिवशक्ति पाण्डेय ने ” आये नोखे खेलैया, होली खेलही न जाने। मुन्नर पाठक ने “होरी मची आज , बृज की गली में ” व विजय शंकर सोनी ने “कन्हैया जी जनि मारो पिचकारी ” होलीगीतो की मनमोहक प्रस्तुतियां दी । गायकों का संगत हारमोनियम पर धर्मेद्र भट्ट, शहनाई पर मास्टर तौलन , तबला पर रतन लाल व रवि द्विवेदी तथा ढोलक पर रंगनाथ ने की। इस अवसर पर पण्डा समाज के कोषाध्यक्ष तेजन गिरी, कुलदीप पाण्डेय, गौतम द्विवेदी, राजेश्वर पाण्डेय, रत्नेश भट्ट, जितेंद्र भट्ट इत्यादि दर्जनों लोग उपस्थित रहें ।