गीता प्रेस का ज्ञान-भंडार भेंट में दिया गया
– सलिल पांडेय
मीरजापुर, (उ.प्र.) : अत्यंत गंभीर, शांत और सौम्य प्रकृति के अनिल कुमार मिश्र यहां PWD के अधीक्षण अभियंता है। मार्च महीने का मंगलवार इनके लिए मंगलमय ढंग से ढोल-मंजीरा बजाते यह सन्देश लेकर आया कि अब शासकीय सेवा में एक सीढ़ी और ऊंचे चढ़ गए। इनके नेम-प्लेट पर अब मुख्य अभियंता लिखा जाएगा।
खबर जग-जाहिर हुई तो शुभकामनाओं की नदियां इनके दफ्तर की ओर बहने लगी। छोटे-बड़े सभी अधीनस्थ इनके आवास पर पहुंचे तथा फूलों से, बुके से स्वागत किया जाने लगा।
उत्साह बढ़ाना और खुशी देना यह अपने आप एक यज्ञ है। अगर दैनिक जीवन में जो ऐसा करता है तो फिर जरूरी नहीं कि वह लंबी पूजा करे। यह भाव जताता है कि आह्लाद के आदान-प्रदान के वक्त ईश्वर मौजूद रहते हैं।
यह सब ज्ञान गीता प्रेस, गोरखपुर से प्रकाशित ग्रन्थों में पन्ने पन्ने पर मिलता है। इसलिए उन्हें आरोग्य अंक की एक प्रति इस उद्देश्य से मैंने स्वागत में भेंट की क्योंकि इस ग्रन्थ में ऐश्वर्य, आरोग्य एवं सुख समृद्धि के इतने सरल एवं सहज तरीके बताए गए हैं कि इसे जो भी अपनाएगा, वह ‘वाह’ जरूर कहेगा। इसमें अमूल्य निधियों का ज्ञान समाहित है।
श्री मिश्र ने इस ग्रन्थ को सिर-माथे लिया। योग-विद्या के प्रति लगाव के कारण श्री मिश्र को महसूस हुआ कि इस ग्रन्थ के अध्ययन से इस विद्या में निपुणता और बढ़ेगी।