रिपोर्ट : सलिल पांडेय
मीरजापुर, (उ.प्र.) : नपी और सधी हुई इंजीनियरिंग के लिए उ0 प्र0 लोक निर्माण विभाग के अभियन्ताओं की विशिष्ट सूची में स्थान रखने वाले मिर्जापुर वृत्त के अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार मिश्र के पदोन्नत होकर मुख्य अभियंता होने पर खुशी और प्रसन्नता का हाइवे बनता दिखाई पड़ा। विभाग के आफिसर्स से लेकर कर्मचारी तक इस प्रसन्नता का इजहार करते दिखाई पड़े।
तकनीकी मामले के त्रिनेत्रधारी
अधीक्षण के अर्थ को सार्थक करते थे श्री मिश्र। अधीक्षण में अधि+ईक्ष की व्याख्या हिंदी के समालोचक आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार किया जाए तो ‘अधि’ का अर्थ उच्चता है और ईक्ष का आशय देखना हुआ। इस प्रकार अधीक्षण अभियंता का दायित्व उच्च-दृष्टि से देखना-परखना हुआ। श्री मिश्र सड़कों के प्रोजेक्ट को अपनी उच्च नज़र यानी तीसरी आंख से देखते हैं। सड़कों के निर्माण में वे अधीनस्थों को तकनीकी जानकारियों से दक्ष भी करते हैं।
साइट पर भ्रमण : ग्रामीण क्षेत्रों में सघन निरीक्षण के चलते सड़कों की गुणवत्ता अपने आप बोलती है कि निर्माण में तकनीकी खासियतों का इस्तेमाल किया गया है। मण्डल के मिर्जापुर एवं भदोही ज़िलों के नगरीय क्षेत्रों के ही नहीं बल्कि सुदुर ग्रामीण क्षेत्रों तथा सोनभद्र के बीहड़ इलाकों में कोई ऐसा साइट नहीं होगा जिस पर वे कई बार मुआयना करने न पहुंचे हों।
बधाई : श्री मिश्र के पदोन्नति पर मिर्जापुर के प्रांतीय एवं निर्माण खण्ड-2 के अधिशासी अभियन्ता कन्हैया झा एवं भदोही के प्रांतीय खण्ड के अधिशासी अभियन्ता हीरामणि बर्मा तथा सोनभद्र के अधिशासी अभियंता चन्द्र प्रकाश ने बधाई दी। मां विन्ध्यवासिनी धाम की सेवा करते पदोन्नत होने वाले श्री मिश्र विगत लंबे वर्षों के दूसरे अधीक्षण अभियंता हैं। इनके पहले रमाशंकर चौधरी पदोन्नत होकर आजमगढ़ में अभी भी तैनात हैं। श्री मिश्र मिर्जापुर में इसके पहले NH में EE के रूप में प्रशंसित रहे हैं।