मुंबई : एण्डटीवी के अपने पसंदीदा शोज़ के साथ इस हफ्ते एक रोमांचक सफर पर जाने के लिये तैयार हो जाइये। इस हफ्ते रोमांस का स्वाद कुछ ज्यादा ही मीठा होने वाला है, क्योंकि ‘भाबीजी घर पर हैं’ की अनिता भाबी (नेहा पेंडसे), विभूति नारायण मिश्रा (आसिफ शेख) को वाॅचमैन का भेष बनाने के लिये मनाने की कोशिश करती है। वह चाहती है कि उनके रिश्ते में रोमांस की चिंगारी हमेशा ही भड़कती रहे। वहीं, योगेश त्रिपाठी यानी अपने दरोगा हप्पू सिंह का चेहरा गुस्से में लाल हो जाता है, क्योंकि उन्हें अपने बच्चों के प्रिंसिपल की तरफ से शिकायत मिली है।
‘गुड़िया हमारी सभी पे भारी’ में गुड़िया उर्फ सारिका बहरोलिया, सरला (समता सागर) के कंधों का बोझ हल्का करने के लिये गुलक प्रतियोगिता की घोषणा करती है। ‘संतोषी मां सुनाएं व्रत कथाएं’ में काफी सारी परीक्षाएं देखने को मिलने वाली हंै। जिसमें इंद्रेश (आशीष कादियान) समेत, स्वाति (तन्वी डोगरा), संतोषी मां (ग्रेसी सिंह), असुर रानी पाॅलोमी (सारा खान) को अकेले ही उन परीक्षाओं से होकर गुजरना पड़ेगा।
इस ट्रैक के बारे में और विस्तार से बताते हुए, नेहा पेंडसे कहती हैं, ‘‘अनिता बड़ी ही अजीब सी मांग लेकर विभूति के पास पहुंचती है। वह उससे कहती है कि वाॅचमैन की तरह कपड़े पहनकर आओ। बिलकुल, इसके पीछे एक कहानी जुड़ी है, जो उसने विभूति से छुपाकर रखी है। उसकी बातें सुनकर विभूति को थोड़ा संकोच होता है लेकिन वह बस अपनी पत्नी को खुश करने के लिये उसकी बात मान लेता है। अपने नये वाॅचमैन के साथ उसे अपने पड़ोसियों मनमोहन तिवारी उर्फ रोहिताश्व गौड़ और अंगूरी यानी शुभांगी अत्रे पर शक होता है। इन सारी गड़बड़ियों के बीच मैं यह कहना चाहूंगी कि यह सारा मामला कैसे सुलझता है जरूर देखना चाहिये। ’’ कामना पाठक यानी राजेश सिंह कहती हैं, ‘‘अपने समय में हम सबसे ज्यादा बदमाश बच्चे रहे होंगे, हमारे पेरेंट्स हमेशा अपने बच्चों से यह चाहते थे कि हम उन्हें अपना आदर्श मानें और उन्हें एक आइडल पेरेंट्स की तरह देखें।
कुछ ऐसा ही इन एपिसोड्स में गुस्से से भरे हप्पू करने की कोशिश कर रहे हैं। वह एक बाहर वाले को लेकर आते हंै और उसे अपना प्रिंसिपल बताते हंै, ताकि वह हप्पू के स्कूल के दिनों की बातें बता सकें। लेकिन यह पूरी बातचीत ही उल्टी पड़ जाती है, जब हप्पू के बाॅस यानी कमिशनर उस तथाकथित प्रिंसिपल को लेकर हप्पू से ही सवाल-जवाब करने लगते हैं।’’ अपनी मां के काम का बोझ हल्का करने की कोशिशों में लगी, सारिका बहरोलिया (गुड़िया) कहती है, ‘‘हमारा परिवार बहुत बड़ा नहीं है, लेकिन जब एक-एक की पसंद के हिसाब से खाना बनाने की बात आती है तो वह थका देने वाला हो सकता है।
अपनी मां सरला की चिंता करते हुए, गुड़िया एक प्रतियोगिता करवाने की बात करती है। इसमें ना केवल हरेक को काम करना होगा, बल्कि काम का बंटवारा भी किया जायेगा। खासकर मुझे ऐसा लगता है कि यह एक स्मार्ट कदम है, लेकिन क्या यह काम करेगा, इसे देखने के लिये अगले हफ्ते का एपिसोड जरूर देखें।’’ प्रतियोगिता के स्तर को बढ़ाने को लेकर ग्रेसी सिंह उर्फ संतोषी मां कहती हैं, ‘‘आगे आने वाले एपिसोड्स में हर किरदार अपने हिस्से की चुनौतियों से लड़ता नज़र आयेगा। ये लोग एक-दूसरे से सीधे तो मुकाबला नहीं कर रहे, लेकिन उन्हें अपने काम को जरूर अंजाम देना होगा। असुर रानी पाॅलोमी और संतोषी मां को शंकर जी की पांच प्रिय वस्तुएं इकट्ठी करनी होंगी, वहीं, स्वाति को इंद्रेश और भक्ति में से किसी एक को चुनने की चुनौती मिली है, जबकि वृहस्पति देव और शुक्राचार्य को लक्ष्मीजी के लिये योग्य वर ढूंढना होगा।’’