ताज़ा खबरदेश-विदेश

भारत सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए पीआर 24×7 ने किया “वीमेन हरस्मेंट समिति “का गठन 

इंदौर : भारत में महिलाओं को देवी के स्वरुप माना जाता है। कई घरों में बेटी के जन्म पर उसे लक्ष्मी प्राप्ति का दर्जा दिया जाता है, यहाँ तक कि बहु को भी घर की लक्ष्मी का स्थान प्राप्त है। नवरात्रि विशेष कन्या भोजन हो या किसी शुभ कार्य की शुरुआत, बालिकाओं को पूजने के साथ ही प्रत्येक शुभ-मंगल कार्य उन्हीं के शुभ हाथों से संपन्न किया जाता है। लेकिन, आज के इस आधुनिक दौर में यह दर्जा मात्र उस दिन विशेष के लिए सीमित होकर रह गया है। सदियों से देवी स्वरुप पूज्यनीय बालिका या महिला को प्रत्येक क्षेत्र में यातनाओं का सामना करना पड़ रहा है। दफ्तर हो या सड़क हो, महिला कहीं भी सुरक्षित नहीं है। आए दिन महलाओं पर बढ़ते अत्याचार तथा शोषण आदि हमारे निरंतर बढ़ते समाज को बेड़ियों से जकड़ कर कौंध रहे हैं। इसके उपाय हेतु देश की मुख्य पीआर संस्था पीआर 24×7, वीमन हरासमेंट कमिटी का संचालन कर रही है, जिसका उद्देश्य समूचे दफ्तर में किसी भी प्रकार की प्रताड़ना से हर एक महिला को सुरक्षित रखना है।

संस्था के फाउंडर, अतुल मलिकराम बताते हैं कि आज महिलाएँ घर और दफ्तर दोनों को बेहद संतुलित तरीके से संचालित कर रही हैं और हर एक क्षेत्र में किसी न किसी बड़े पद पर कार्य करके पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। इसके बावजूद, कहीं न कहीं नारी की सुरक्षा पर सदियों से प्रश्न चिह्न लगा हुआ है। बदनामी के डर से अधिकांश मामलों में महिलाएँ चुप रहकर शोषण का शिकार होती रहती हैं। किसी भी बड़े कार्य की शुरुआत छोटे रूप में ही की जाती है। इसे पहल के रूप में लेकर संस्था ने वीमन हरासमेंट कमिटी की सार्थक शुरुआत की है, जिसके अंतर्गत संस्था में कार्यरत हर एक महिला इस कमिटी के सदस्य से उसके साथ होने वाले शोषण या किसी भी प्रकार की होने वाली परेशानी की शिकायत कर सकती है, जिस पर तुरंत कार्रवाही की जाएगी। संस्था के ही सात वरिष्ठ लोगों के साथ ही वकील एकता शर्मा का भी कमिटी के सदस्यों के रूप में गठन किया गया है।

महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा कई छोटे-बड़े कानून बनाए गए हैं। बावजूद इसके, आए दिन पुरुषों द्वारा महिलाओं पर अत्याचार करने के संगीन आरोप लगते दिखाई दे जाते हैं। दरिंदगी खत्म होने के बजाय दिन-प्रतिदिन रफ्तार पकड़ रही है। अब समय आ गया है सदियों से चली आ रही इस बेबाक चुप्पी को तोड़ने का। अब सरकार और समाज को एकजुट होकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए समाधान खोजने होंगे। इस सार्थक पहल की शुरुआत के रूप में वीमन हरासमेंट कमिटी का गठन करके पीआर 24×7 ने साबित कर दिया है कि संस्था सिर्फ कार्यशीलता से ही संचालित नहीं होती। इसके सदस्यों की समस्याओं को अपनी समस्या समझना ही एक संस्था को ब्रांड के रूप में भीड़ से अलग स्थान देता है, जो अनंत काल तक संस्था के साथ चलता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Translate »