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एएससीआई ने डिजिटल मीडिया पर प्रभावशाली विज्ञापन के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए

मुंबई : उपभोक्ताओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रचार सामग्री को आसानी से पहचानने में सक्षम बनाने के लिए, एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई) ने डिजिटल मीडिया पर प्रभावशाली विज्ञापन (इंफ्‍लुएंसर एडवर्टाइजिंग) के लिए मसौदा दिशानिर्देश जारी किए हैं।

प्रभावशाली (इंफ्‍लुएंसर) उद्योग तेजी से बढ़ रहा है। डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी एडलिफ्ट के अनुसार, 1.75 बिलियन डॉलर के वैश्विक बाजार की तुलना में भारत का इंफ्‍लुएंसर बाजार 75- 150 मिलियन डॉलर प्रति वर्ष अनुमानित है। यह एक ऐसा उद्योग है जो विज्ञापन क्षेत्र में मुख्यधारा बन गया है और इसके लगातार बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि ज्‍यादा से ज्‍यादा भारतीय ऑनलाइन माध्‍यम पर आ रहे हैं।

इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि सभी क्षेत्रों के ब्रांड अपने मार्केटिंग संदेशों को प्राप्त करने के लिए इंफ्‍लुएंसर्स के साथ जुड़ रहे हैं। इसलिए, इंफ्‍लुएंसर्स पोस्ट का बहुत प्रचार होता है और उनमें ज्यादातर की पहचान भी नहीं हो पाती। इस तरह का गैर-डिस्क्लोजर उपभोक्ताओं के लिए असंतोषजनक और भ्रामक है।

डिजिटल मीडिया पर इंफ्‍लुएंसर्स विज्ञापनदाताओं के लिए दिशा-निर्देश सभी हितधारकों के लिए उपलब्ध होंगे, जिसमें उद्योग, डिजिटल इंफ्‍लुएंसर्स और साथ ही 8 मार्च, 2021 तक उपभोक्ताओं के फीडबैक शामिल हैं। फीडबैक और इनपुट के आधार पर एएससीआई द्वारा 31 मार्च 2021 तक अंतिम दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। यह दिशानिर्देश 15 अप्रैल 2021 को या उसके बाद प्रकाशित सभी प्रचार पोस्ट पर लागू होंगे।

बदलते मार्केटिंग प्रतिमान को ध्यान में रखते हुए, एएससीआई ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन सामग्री का बारीकी से पालन किया है। पिछले सितंबर में यह मार्केटिंग संदेशों को भ्रमित करने के लिए 3,000 से अधिक डिजिटल प्लेटफार्मों की निगरानी के लिए टैम मीडिया रिसर्च से जुड़ा। दिशानिर्देशों के साथ, एएससीआई उपभोक्ताओं, ब्रांडों और सामग्री निर्माताओं की सहायता करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी हितधारकों के हितों को एक स्व-नियामक दृष्टिकोण के माध्यम से संरक्षित किया जाए।

पिछले दिसंबर में जारी एडवर्टाइजिंग रिपोर्ट में एएससीआई के ट्रस्ट के अनुसार डिजिटल प्लेटफॉर्म पर विज्ञापनों के दर्शकों की संख्या ग्रामीण (82 फीसदी) और मेट्रो (83 फीसदी) क्षेत्रों में लगभग समान है। डिजिटल विज्ञापन की बढ़ती खपत को ध्यान में रखते हुए इंफ्‍लुएंसर्स के लिए डिस्क्लोजर गाइडलाइंस (प्रकटीकरण दिशानिर्देश) समय की आवश्यकता थी।

दिशा-निर्देश इंफ्‍लुएंसर्स के साथ एक सहयोगी प्रयास थे। एएससीआई ने बिगबैंग सोशल के साथ मिलकर सामाजिक कहानी कहने के लिए एक प्रमुख बाजारस्थल बनाया ताकि भारत के प्रमुख डिजिटल प्रभावितों के विचारों को बोर्ड पर रखा जा सके।

एएससीआई के चेयरमैन सुभाष कामथ ने कहा: “डिजिटल स्पेस बहुत बड़ा है। हालांकि, प्रचार सामग्री नियमित पोस्‍ट से अक्सर अलग होती है। उपभोक्ताओं को प्रचार सामग्री को आसानी से पहचानने का अधिकार है। दिशानिर्देश उपभोक्ताओं को प्रचार सामग्री की पहचान करने और डिजिटल तरीके से इंफ्‍लुएंसर्स का मार्गदर्शन करने में मदद करेंगे। हम उद्योग के हितधारकों से प्रतिक्रिया पाने के लिए तत्पर हैं जिसमें अधिक इंफ्‍लुएंसर्स भी शामिल हैं जो हमें सभी के लिए डिजिटल स्थान को अधिक जिम्मेदार बनाने में मदद करेगा।”

क्वान के फाउंडिंग पार्टनर और BigBang.Social के सीईओ ध्रुव चिटगोपेकर ने कहा: “हमें नैतिक प्रथाओं, निष्पक्ष और पारदर्शी अभिव्यक्ति को बढ़ावा देने वाले इंफ्‍लुएंसर्स के लिए एक जिम्मेदार विज्ञापन पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता का अहसास हुआ। इन दिशानिर्देशों से उपभोक्ताओं और डिजिटल इंफ्‍लुएंसर्स को लाभ होगा। हमारा दृढ़ विश्वास है कि यह डिजिटल विज्ञापन प्लेटफार्मों के लिए भी आवश्यक है। हमें एक स्व-नियामक निकाय के साथ साझेदारी करके खुशी हो रही है जो सभी हितधारकों को शामिल करना चाहता है।”

डिजिटल मीडिया पर इंफ्‍लुएंसर विज्ञापन के लिए दिशा-निर्देश मसौदा

1) विज्ञापन स्पष्ट रूप से संपादकीय और स्वतंत्र उपयोगकर्ता-जनित सामग्री से औसत उपभोक्ता द्वारा अलग पहचान करने लायक होना चाहिए ताकि दर्शकों को दोनों के बीच भ्रमित होने से रोका जा सके। इसलिए अनुमोदित लेबल की सूची से एक डिस्क्लोजर लेबल जोड़ा जाना चाहिए। केवल अनुमति प्राप्त डिस्क्लोजर लेबल को ही पर्याप्त माना जाएगा क्योंकि उपभोक्ता विभिन्न रचनात्मक तरीकों से परिचित नहीं हो सकते हैं जिसमें विज्ञापनदाता और इंफ्‍लुएंसर्स यह बता पाएंगे कि उक्त संचार एक विज्ञापन है। इस तरह के विज्ञापनों के उदाहरण किसी वीडियो में पेड म्यूजिक प्रमोशन हो सकते हैं, जोकि इंफ्‍लुएंसर्स मीडिया हैंडल पर पोस्ट के जरिए किसी स्टोर या ब्रांड को प्रोमोट करते हैं।
2) विज्ञापन सामग्री को उजागर करने के लिए उपयोग किए जाने वाले डिस्क्लोजर लेबल को सबसे आगे (किसी भी दिए गए प्लेटफ़ॉर्म की पहली दो पंक्तियों के भीतर, ताकि उपभोक्ता को अधिक देखने की जरूरत न पड़े या फिर फोल्‍ड तक स्क्रॉल न करना हो), प्रमुख (ताकि यह लोगों की नजर से न छूट पाए), चैनल के लिए उपयुक्त (आप क्या और कब देख सकते हैं) और सभी संभावित उपकरणों के लिए उपयुक्त (यह हर हाल में दिखे चाहे कोई भी डिवाइस या प्लेटफॉर्म जैसे वेबसाइट या ऐप आदि इस्तेमाल हो रहा हो) होना चाहिए ।
3) डिस्क्लोजर लेबल अंग्रेजी में होना चाहिए या फिर उसे विज्ञापन की भाषा में इस तरह से अनुवादित किया जाना चाहिए कि यह उस औसत उपभोक्ता को अच्छी तरह से समझ में आ जाए जो विज्ञापन देख रहा है।
4) किसी प्रोफ़ाइल / बायो / अबाउट सेक्शन के बारे में किए गए अनिवार्य खुलासे को पर्याप्त नहीं माना जाएगा क्योंकि साइट पर आने वाले लोग किसी अन्य पृष्ठ पर डिस्क्लोजर को देखे बिना व्यक्तिगत समीक्षा पढ़ सकते हैं या अलग-अलग वीडियो देख सकते हैं।
5) यदि विज्ञापन केवल इंस्टाग्राम कहानियों या स्नैपचैट जैसी तस्वीर पोस्ट है, तो लेबल को तस्वीर के ऊपर सुपरइंपोज्ड करके लगाने की जरूरत है और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि औसत उपभोक्ता इसे स्पष्ट रूप से देख सके।
6) वीडियो के मामले में टेक्स्ट पोस्ट के साथ नहीं होने पर, डिस्क्लोजर लेबल को वीडियो पर इस तरह से लागू किया जाना चाहिए जो आसानी से दर्शक को दिखाई दे। 15 सेकंड या उससे कम अवधि वाले वीडियो के लिए डिस्क्लोजर लेबल को न्यूनतम 2 सेकंड तक रहना चाहिए। 15 सेकंड से अधिक, लेकिन 2 मिनट से कम समय वाले वीडियोज के लिए, डिस्क्लोजर लेबल वीडियो की लंबाई एक तिहाई तक रहता है। जो वीडियो 2 मिनट या उससे अधिक समय के लिए है, डिस्क्लोजर लेबल उस अनुभाग की संपूर्ण अवधि के लिए रहना चाहिए जिसमें प्रचारित ब्रांड या उसकी विशेषताएं, लाभ आदि का उल्लेख किया गया हो। लाइव स्ट्रीम में डिस्क्लोजर लेबल को समय-समय पर रखा जाना चाहिए, प्रत्येक मिनट के अंत में 5 सेकंड के लिए ताकि स्ट्रीम का हिस्सा देखने वाले उपयोगकर्ता डिस्क्लोजर देख सकें।
7) ऑडियो मीडिया के मामले में, डिस्क्लोजर लेबल को स्पष्ट रूप से शुरुआत में और ऑडियो के अखिर में घोषित किया जाना चाहिए।
8) सोशल मीडिया विज्ञापनों पर फ़िल्टर लागू नहीं किया जाना चाहिए, यदि वे उस दावे के प्रभाव को बढ़ाते हैं जो ब्रांड करते हैं- जैसे बालों को चमकदार बनाना और दांतों को सफेद (व्‍हाइटर) बनाना आदि।
9) इंफ्‍लुएसंसर को अपने द्वारा किए गए किसी भी तकनीकी या प्रदर्शन के दावों के बारे में उचित परिश्रम करना चाहिए जैसे कि 2X बेहतर, प्रभाव 1 महीने तक रहता है, सबसे तेज गति, कक्षा में सर्वश्रेष्ठ आदि। परिश्रम के साक्ष्य में विज्ञापन या ब्रांड के मालिक के साथ हुआ पत्राचार शामिल होगा जिसमें यह पुष्टि करते हुए लिखा गया हो कि विज्ञापन में किया गया विशिष्ट दावा वैज्ञानिक पुष्टि के लिए सक्षम है।
10) यह अनुशंसा की जाती है कि विज्ञापनदाता और इंफ्‍लुएंसर के बीच हुए कॉन्‍ट्रैक्‍चुअल अनुबंध में डिस्‍क्‍लोजर,फिल्‍टर्स के उपयोग के साथ-साथ आवश्‍यक कार्रवाई से संबंधित क्‍लाउजेज शामिल हैं।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के लिए रेडी रेकोनर

1. इंस्टाग्राम: डिस्क्लोजर लेबल को फोटो के ऊपर या पोस्ट की शुरुआत में दिखने वाले शीर्षक में शामिल किया जाना है। यदि केवल फोटो दिखती है तो फोटो में ही लेबल शामिल होना चाहिए।
2. फेसबुक: प्रविष्टि या पोस्ट के शीर्षक में डिस्क्लोजर लेबल शामिल करें। यदि केवल फोटो / वीडियो देखा जाता है, तो फोटो / वीडियो में खुद ही लेबल होना चाहिए जैसे कि फेसबुक स्‍टोरी।
3. ट्विटर: डिस्क्लोजर लेबल या टैग को संदेश के शुरुआत में टैग के रूप में शामिल करें।
4. पिंटरेस्ट: संदेश की शुरुआत में डिस्क्लोजर लेबल शामिल करें।
5. यूट्यूब और अन्य वीडियो प्लेटफ़ॉर्म: पोस्ट के शीर्षक / विवरण में लेबल शामिल करें।
6. वीलॉग (Vlog): उत्पाद या सेवा के बारे में बात करते समय डिस्क्लोजर लेबल को ओवरले करें।
7. स्नैपचैट: डिस्क्लोजर लेबल को संदेश के शुरुआत में एक टैग के रूप में शामिल करें।
8. ब्लॉग: डिस्क्लोजर लेबल को पोस्ट के शीर्षक में शामिल करें।

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