रिपोर्ट : बृजेश गोंड/ आशुतोष गुप्ता
मीरजापुर, (उ.प्र.) : भारत की कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौपते हुए कहा की देश के बिगड़े हालात की जिम्मेदार सरकार के उस क्रिया कलापों की और ध्यान आकृष्ट करना है जिसमें शासन प्रशासन के सत्ता का विकेंद्रीकरण के बजाय केंद्रियकरण , निजीकरण के साथ व्यवायिकारण हो गया है। वर्तमान में पेट्रोल,डीजल एवं रसोई गैस की बेतहाशा मूल्य वृद्धि हर वस्तु के महंगाई पर बुरा असर डाल रहा है जिसका भुक्तभोगी आम जनता के साथ हर वर्ग हो रहा है। जब तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में गिरावट हो रही है। 2014 में पेट्रोल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत 47.12 थी जो 2021 में घटकर रुपया 29.24 हो गयी है। पेट्रोल, डीजल के दामों में वर्तमान आसमानी उछाल का मुख्य कारण केन्द्र सरकार द्वारा की गयी एक्साइज ड्यूटी में 38% की बेलगाम वृद्धि है। उन्होंने कहा की पेट्रोल, डीजल में की गयी यह वृद्धि महामारी एवं आर्थिक मंदी का दोहरी मार झेल रही जनता पर कपटपुर्ण हमला है। पार्टी जिला कमेटी तेल व रसोई गैस के मूल्य वृद्धि का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग करती है।