रिपोर्ट : रितेश वाघेला
मुंबई : दादरा और नगर हवेली से लोकसभा सदस्य मोहन डेलकर दक्षिण मुंबई के एक होटल में मृत पाए गए हैं। उनका शव मरीन ड्राइव पर होटल सी ग्रीन में मिला। पुलिस को उस कमरे से गुजराती में लिखा एक सुसाइड नोट भी मिला है। पुलिस ने शव को कब्जेे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। डेलकर की उम्र 58 साल थी और वे निर्दलीय सांसद थे। वे 1989 में पहली बार सांसद बने थे। तब से अब तक वे 7 बार लोकसभा के लिए चुने जा चुके थे। उन्होंने 1989 से 2004 तक लगातार 6 बार लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। डेलकर के परिवार में पत्नी कलाबेन डेलकर, दो बच्चे अभिनव और दिविता हैं।
भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय सांसद रहे डेलकर
डेलकर भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ चुके थे। उन्होंने 1991 और 1996 में कांग्रेस से चुनाव लड़ा और जीता। इसके बाद वे कांग्रेस से अलग हो गए और 1998 के चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े और जीते। 1999 में उन्हें फिर से एक स्वतंत्र सांसद के रूप में चुना गया।2004 में उन्होंने भारत नवशक्ति पार्टी नाम से अपनी पार्टी बनाई और केंद्र शासित दादरा और नगर हवेली से सांसद बने। उन्होंने 2009 में कांग्रेस पार्टी भी ज्वाइन की थी। हालांकि, पिछले लोकसभा चुनाव यानी 2019 में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे।
गृह मंत्रालय की कमेटी में मिली थी जगह
डेलकर को गृह मंत्रालय की परामर्श कमेटी में नियुक्त किया गया था। गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी में लोकसभा और राज्यसभा के कुल 28 सांसदों को जगह दी गई थी। 17वीं लोकसभा के 15 वरिष्ठ सांसदों की सूची में रामविलास पासवान के बाद उनका नाम दूसरे नंबर पर था।