पीएसी कैम्पस में बन रहा 200 जवानों के लिए बैरक, लेकिन पीएसी जाने वाले रास्ते की हड्डी-पसली टूट गई है
रिपोर्ट : सलिल पांडेय
मीरजापुर, (उ0प्र0) : बारह मंजिल की बिल्डिंग देखने के लिए किसी महानगर में अब जाने की जरूरत नहीं रहेगी। जिले में ही जब यह बिल्डिंग तैयार हो जाएगी तो इसकी भव्यता को कैमरे में कैद की इच्छा स्वाभाविक रूप से उठने लगेगी।
यह बिल्डिंग हनुमान पड़रा स्थित पीएसी की 39वीं वाहिनी कैम्पस में बननी शुरू हो गई है और इसके लिए लगभग 12 करोड़ की धनराशि स्वीकृत भी हो गई है। इन दिनों कैम्पस की भव्यता दिनोंदिन बढ़ रही है। कैम्पस में प्रवेश करते स्टाफ-कक्ष भव्य बन गया है।
कमांडेंड का विकासोन्मुखी प्रयास
लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व कमांडेंट बन कर आए IPS आफिसर श्री सुभाष चन्द्र शाक्य ने कैम्पस की हुलिया सुधारने पर विशेष रुचि ली जिसके चलते विकास और निर्माण कार्य में क्रांति सी दिखाई पड़ने लगी है। इसी क्रम में 12 मंजिल की बिल्डिंग की भी स्वीकृति यहां के लिए मिल गई और उस पर काम भी शुरू हो गया। संज्ञान में आया कि इतनी ऊंची सरकारी बिल्डिंग आसपास के जिले में नहीं है। 12 मंजिल की बिल्डिंग में दो सौ पीएसी के जवानों को रहने की व्यवस्था रहेगी। बड़े हाल में एक साथ चार जवान रहेंगे। सभी हाल में टॉयलेट अटैच रहेगा। इस प्रकार प्रत्येक मंजिल पर 16 हाल बनेंगे। सामान्यतः ऊंचाई 10 फीट की रहती है। ऐसी स्थिति में 12 मंजिल की बिल्डिंग की पूरी ऊंचाई 120 फीट की हो जाएगी।
इतनी ऊंचाई पर तो अष्टभुजा मंदिर और चुनार का किला दिखाई पड़ने लगता है।
राहगीरों से बदला लेती है टूटी-फूटी सड़क
इस सबके बावजूद पीएसी और आरटीओ, होमगार्ड आफिस जाने वाले मार्ग की हड्डी-पसली जो टूट गई है तो यह सड़क भी राहगीरों से बदला लेती है और हड्डी-पसली तोड़ती रहती है।