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Mumbai : प्रांतीय राष्ट्रभाषा प्रचार सभा का दो दिवसीय शिविर संपन्न

रिपोर्ट : रवि यादव

मुंबई : हिंदी भाषा पूरे भारत और अनेक मुल्कों में आसानी से बोली-समझी जाती है। इसमें हिंदी फिल्मों का भी बहुत बड़ा योगदान है। हिंदी फिल्मों के एक्शन, डायलाग, गाने, हीरो-हीरोइनें आदि के प्रति लोगों में खूब दीवानगी हैं। आजकल सिनेमाघरों में ही नहीं टीवी के सीरियल्स व मेगा शो, इंटरनेट के वेबसीरिज, यूट्यूब, ट्विटर, इंस्टाग्राम व अन्य सोशल मीडिया पर भी हिंदी का बोलबाला है। फिल्में भी हिंदी के प्रचार-प्रसार का सशक्त माध्यम हैं। यह बात मुंबई प्रांतीय राष्ट्रभाषा प्रचार सभा के चर्चा सत्र में भाग लेते हुए वरिष्ठ पत्रकार शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने कही।फिल्मकार प्रदीप जैन, संस्था के अध्यक्ष डा बिपिनचंद्र मेहता और वरिष्ठ कवि व पटकथा-संवाद लेखक मुरलीधर पांडेय ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।

श्री मेहता ने कहा कि हिंदी भाषा की शिक्षा से दुनिया भर के कई विद्यालयों व विश्वविद्यालयों में शिक्षक बना जा सकता है। लेखन, पत्रकारिता, विज्ञापन, फिल्मों में हिंदी लेखकों की मांग है। सभी सरकारी विभागों में राजभाषा का काम हिंदी के लोग ही संभालते हैं। हिंदी दुभाषिये भी आवश्यक हैं। दुनियाभर में हिंदी अनुवाद के लिए हिंदी के जानकारों की मांग है। इसलिए हिंदी रोजगार का सशक्त माध्यम है। संस्था के मंत्री-संचालक ब्रजेश तिवारी ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी और हिंदी के व्यापक प्रचार के लिए संस्था द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी दी।

मुंबई प्रांतीय राष्ट्रभाषा प्रचार सभा का दो दिवसीय शिविर यहाँ वसई तालुका में ब्रजेश्वरी क्षेत्र स्थित अंबाडी परिसर के भाटिया सैनिटेरियम में सम्पन्न हुआ। इसमें बड़ी संख्या में शिक्षक, कवि-लेखक, पत्रकार, रंगकर्मी व विद्यार्थी शामिल हुए। चर्चा गोष्ठियों, कवि सम्मलेन, हिंदी विषयों पर स्पर्धाओं और पुरस्कार वितरण आदि का हिंदीसेवियों ने लाभ लिया। वरिष्ठ पत्रकार शैलेंद्र श्रीवास्तव एवं फिल्मकार प्रदीप जैन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित धे। मुंबई प्रांतीय राष्ट्रभाषा प्रचार सभा के अध्यक्ष डाॅ बिपिनचंद्र मेहता, मंत्री-संचालक ब्रजेश तिवारी, कोषाध्यक्ष डी एफ हलेमनी, ट्रस्टी सत्येन्द्र श्रीवास्तव, डी एफ हलेमनी आदि ने स्वागत किया।

इस अवसर पर मुरलीधर पांडेय के अध्यक्षता में हुए कवि सम्मलेन में अंजनी कुमार द्विवेदी, रवि यादव, लालबहादुर यादव ‘कमल’, कल्पेश यादव आदि ने शानदार रचनाएं सुनाकर जबर्दस्त समां बांधा। कार्यक्रम में हिंदी शिक्षक अनंत सोलकर, प्रज्ञा अंबेरकर, मनीषा पाटील, अर्चना श्रीवास्तव, राजेश सुरती, रमाशंकर यादव, रजनीश पाल, अवधेश यादव, शिक्षक लालबहादुर यादव ‘लल्लन’ आदि का सत्कार किया गया।

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