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कंगना रनौत : किसी से न डरने वाली एक खूंखार हीरोइन

रिपोर्ट : वीरेन्द्र बहादुर सिंह

कंगना रनौत एक अद्भूत एक्ट्रेस हैं। इस समय फिल्म इंडस्ट्री में अभिनय के क्षेत्र में अगर कोई नंबर वन है, तो वह कंगना रनौत हैं। हम अवार्ड फंक्शनों में मिलने वाले अवार्ड की बात नहीं कर रहे हैं। रियल परफॉरमेंस की वजह से कंगना रनैत की एक्टिंग का बखान कर रहे हैं। बाकी टीवी पर दिखाए जाने वाले अवार्ड फंक्शनों में मिलने वाले अवार्ड कितने बिकाऊ हैं, यह खुद एक्टरों ने कभीकभी बताया है। कंगना रनौत ने अपने दम पर पिक्चर्स बाक्स आफिस पर हिट कराई हैं। पुरुष प्रधान फिल्म इंडस्ट्री में जहां ज्यादातर फिल्मों में हीरोइन का काम केवल फिल्मी गानों में डांस करना और शो पीस भर का ह।, वहां कंगना रनौत की फिल्म्स क्वीन, तनु वेड्स मनु, मणिकर्णिका ने दिखा दिया है कि कंगना अपने दम पर फिल्मों को बाक्स आफिस पर सफल बना सकती हैं। उन्हें किसी हीरो की जरूरत नहीं है।

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री बहुत ही कॉम्पलेक्स इंडस्ट्री है। यहां जितना परिवारवाद है, उतना परिवारवाद तो पॉलिटिक्स में भी नहीं है। फिल्म इंडस्ट्री में आउटसाइडर आ कर सफल हुए हों, इस तरह का उदाहरएा बहुत कम देखने को मिलता है। इसका कारण यह है कि फिल्म इंडस्ट्री आउटसाइडर की सफलता को इंडस्ट्री में पैर जमा चुके लोग सहन नहीं कर पाते। फिल्म इंडस्ट्री में दो-तीन ग्रुप ऐसे हैैं, जो इंडस्ट्री को अपने बाप की जागीर समझते हैं। अपने पाले में न आने वाले हीरो या हीरोइन को इंडस्ट्री पर कब्जा जमाए बैठे लोग इस तरह परेशान कर देते हैं कि नए हीरो हीरोइन या तो फिल्मी लाइन ही छोड़ देते हैं या फिर सुसाइड करने पर मजबूर कर दिए जाते हैं। सुशांत सिंह राजपूत का किस्सा सभी जानते हैं। फिल्म इंडस्ट्रीज में उत्साही के रूप में जाने जाने वाले सुशांत ने अपनी एक्टिंग और पर्सनालिटी से नाम कमा लिया था। परंतु इंडस्ट्रीज के माफियाओं ने उन्हें इतना परेशान किया कि आखिर सुशांत को आत्महत्या करनी पड़ी। यह आज भी रहस्य है कि रुपएपैसे से समृद्ध उनका फिल्मी कैरियर भी अच्छा था, इस तरह के एक्टर सुशांत को आत्महत्या करने की क्या मजबूरी थी?

कंगना रनौत भी इस समय फिल्मी माफियाओं के परेशान करने से घायल हैं। परंतु कंगना अलग ही मिट्टी की बनी हैं। देवभूमि हिमाचल से आने वाली कंगना धर्म और संस्कृति से जुड़ी हैं और अपनी जोरदार एक्टिंग से इंडस्ट्री में स्थान बना लिया है। सरकार ने उनकी प्रतिभा को परख कर उन्हें पद्मश्री अवार्ड भी दिया है। कंगना की यह प्रगति इंडस्ट्री के माफियाओं को कांटे की तरह चुभ रही है। इसका कारण यह है कि इन माफियाओं के बुलाने पर उनकी पार्टी में रात-बिरात जाती नहीं हैं। सुशांत सिंह राजपूत ने सुसाइड किया तो कंगना ने इंडस्ट्री में चल रहे गोरखधंधे को उजागर किया। कंगना ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री तो गटर है। इंडस्ट्री चलाने वालों की बात न मानने वालों का सुशांत जैसा ही हाल होता है।

कंगना ने फिल्म इंडस्ट्रीज में आयोजित होने वाली ड्रग्स पार्टियों का भी खुलासा किया। करण जौहर कैम्प में किस तरह हीरोइन का फेवर होता है और उनके कैम्प में न जाने वाली हीरोइनोें के बारे मेें किस तरह गंदे कमेंट किए जाते हैं, इन सभी बातों का कंगना ने खुलासा किया। कंगना किसी से डरने वालों में नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने इंडस्ट्री में अपनी जगह अपनी एक्टिंग की बदौलत बनाई है। अपनी फिल्में बनाने के लिए उन्हें इन माफियाओं के पास भी नहीं जाना पड़ता या फिल्मों में रोल पाने के लिए किसी की नाइट पार्टियों में डायरेक्टर्स, प्रोड्यूसर्स या हीरोज की सिफारिस नहीं करनी पड़ती।

इसका परिणाम यह निकला कि कंगना का मजाक उड़ाने से लेकर उनकी बेइज्जती करने का एक भी मौका इंडस्ट्री में पैर जमा चुके माफियाओं ने नहीं छोड़ा। हद तो तब हो गई, जब अवार्ड फंक्शन में कायदे से कंगना की भद्दी मिमिक्री की गई और वहां उपस्थित हीरो-हीरोइन तालियां बजा कर उस मिमिक्री का मजा लेते रहे। जबकि कंगना डरी नहीं, और अपनी लड़ाई चालू रखी।

सुशांत सिंह के आत्महत्या के मामले में कंगना ने ट्वीट कर के शिवसेना, महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस को भी आड़े हाथो लिया। इसका परिणाम यह निकला कि महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई में बने कंगना के आफिस को तोड़ दिया। तब कंगना ने मुंबई की पीओके से तुलना कर दी। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कंगना को सरेआम हरामखोर कहा तो कंगना ने ज्वलंत जवाब दिया। मुंबई कोई उद्धव ठाकरे की जागीर नहीं है। शिवसेना और कंगना की ट्विटर पर लंबी लड़ाई चली। केंद्र सरकार ने कंगना को वाई कैटेगरी की सुरखा प्रदान की तो कंगना और भी मुंहफट बन गईं।

अभी फिलहाल चल रहे किसान आंदोलन पर भी कंगना ने ट्विटर पर जलता हुआ अभिप्राय व्यक्त किया। कंगना ने ट्वीट किया कि शाहीनबाग की तरह किसान आंदोलन में भी किराए के लोगों को बुलाया गया है। इस मुद्दे पर कंगना और दिलजीत दोसाज, प्रियंका चोपड़ा के बीच ट्विटर वार छिड़ गई। इस ट्विटर वार में मिल्खा सिंह भी आ गए और उन्होंने कहा कि कंगना पागल हो गई हैं और गलत तरीके से आंदोलन के बारे में ट्वीट कर रही हैं। उन्होंने विवादित वेब सिरीज तांडव पर भी एक ट्वीट किया। लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठसा पहुंचा कर भगवान शिव को तांडव वेब सिरीज मे गाली देते हुए दिखाया गया है।

कंगना ने इस मुद्दे पर एक ट्वीट किया। भगवान कृष्ण ने शिशुपाल की 99 गलतियों को माफ किया था, पहले शांति, फिर क्रांति, समय आ गया है गर्दन उड़ाने का। जय श्रीकृष्ण— कंगना के इस ट्वीट से भारी बवाल मच गया। कंगना विरोधी फौज उन्हें ट्रोल करने लगी। तब कंगना ने डरे बिना ट्वीट किया, अगर लिबु (लिबरल) डर के मारे मम्मी की गोद में रो रह रहे है, वो ये पढ़ लें, मैंने तुम्हारा सिर काटने के लिए नहीं कहा। इतना तो मैं भी जानती हूं कि इंसेक्टस या वर्म्स के लिए पेस्टीसाइड्स यूज करते हैं।

तांडव सीरियल के डायरेक्टर अली अब्बास जफर को भाजपा के नेता कपिल मिश्रा ने लीगल नोटिस भेजी है और माफी मांगने को कहा है। इस पर कंगना ने ट्वीट किया कि माफी मांगने के लिए कहा, बोल अब्बास जफर, है हिम्मत अल्लाह का मजाक उड़ाने की।

इस कंट्रोवर्सी के बाद कंगना का ट्विटर एकाउंट सस्पेंड करने की मांग उठी और कंगना का एकाउंट सस्पेंड किया जाए, उसके पहले कंगना ने ट्वीट किया कि लिबरलों ने मेरा एकाएंट सस्पेंड कराया है। मेरा एकाउंट देश के लिए शहीद हो सकता है, परंतु मेरी देशभक्ति से भरी फिल्में ले कर मैं आऊंगी और तुम्हारा जीना हराम कर के ही रहूंगी।

(लेखक “मनोहर कहानियां” व “सत्यकथा” के संपादकीय विभाग में कार्य कर चुके है। वर्तमान में इनकी कहानियां व रिपोर्ट आदि विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती है।)

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