
सोनभद्र, (उ.प्र.) : आदिवासी इंडीजीनस धर्म समन्वय समिति एव गोंडवाना संग्रम क्रांति आंदोलन उत्तर प्रदेश के तत्वाधान मे वर्ष 2021 के जनगणना प्रपत्र मे आदिवासियो/जनजातीयो के पृथक कालम हेतु एक दिवसीय सेमिनार का राबर्ट्सगंज के न्यू कालोनी स्थित एक गेस्ट हाउस मे आयोजन किया गया। जिसमे कार्यक्रम का संचालन कमलेश गोंड ने किया, जिसकी सराहना पूरे देश के आदिवासी समाज कर रही है। कार्यक्रम इस उदेश्य से किया गया की उत्तर प्रदेश के आदिवासियों को संस्कृतिक और पारम्परिक रुप से एक होने के लिए मजबूत पहल कर पचवी छठी अनुसूची जल जंगल जमीन के मालिकाना हक बचाने पर संकल्प दिलाया गया। जिसमें कई राज्य के आदिवासी समाज के लोग एक छत के नीचे एकत्रित हुये साथ ही समाज के बुद्धिजीवीयो ने भाग लिया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से झारखंड के पूर्व मंत्री देवकुमार धान व झारखंड के ही पूर्व मन्त्री गीताश्री उरांव, मोहन ओझा भोपाल, मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ गुजरात आदि राज्य व उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जिलों से लोग एक दिवसीय सेविनार के माध्यम से उतर प्रदेश गोंड खरवार, चेरो, पनिका, बैगा को अपनी धर्म संस्कृति रुढ़ी परम्परा को बचाने का बल दिया गया और साथ में ही 2021 की जनगणना में ट्राइबल, आदिवासी, लिखाने पर बल दिया गया किसी भी किमत पर आदिवासियत एवं जनजाति संस्कृति बचाना है तो, हिन्दू, मुस्लिम सिख ईसाई आदि धर्म में अपनी गणना न कराते हुये जब तक़ आदिवासी कालम नही मिल जाता तबतक अन्य के कालम मे आदिवासी लिखा जाये
कार्यक्रम के दौरान इलाहाबाद से चलकर आये शिवशंकर, लखनऊ से अरुण गोंड, मीरजापुर से ज्ञानेन्द्र धुर्वे, रामभजन गोंड, महेन्द्र गोंड, बृजेश गोंड, कमलेश गोंड, अनुज गोंड, छानबे से विजय शंकर गोंड सहित कई लोग मौजूद रहे।