रिपोर्ट : आशुतोष गुप्ता
मीरजापुर, (उ0प्र0) : शहर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत 13 जनवरी 2021 को सुबह लगभग दस बजे त्रिमुहानी पर उस समय अफरा तफरी मच गई जब कुछ लोगों द्वारा एक शव सड़क पर रखकर जाम लगा दिया गया और पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद… मुर्दाबाद के नारे लगाए। धीरे धीरे भीड़ बढ़ता गया खास कर महिलाओं की संख्या में बढ़ोत्तरी होती रही और इस बात की जानकारी भाजपा के वरिष्ठ नेता व वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष मनोज जायसवाल को भी हुई। उक्त सूचना पर वे भी त्रिमुहानी पर पहुंच गए और शव के साथ बैठे परिवार व नागरिकों के साथ वह भी सड़क पर बैठ गए। जब जिला प्रशासन को इस बात की जानकारी हुई की सत्ता पक्ष के नपाध्यक्ष भी सड़क पर बैठे हैं, तो प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। फौरन नगर मजिस्ट्रेट जगदंबा सिंह व अपर पुलिस अधीक्षक नगर संजय कुमार वर्मा व अन्य भारी संख्या में फोर्स पीएसी सहित त्रिमुहानी पर पहुंच गए और नारेबाजी कर रहे लोगों समझाने व रास्ता साफ और जाम खत्म कराने की अपील की। किन्तु बात नहीं बनी और करीब दो घंटे तक यह मामला चलता रहा। वहीं इस बात की जानकारी नगर विधायक रत्नाकर मिश्रा को भी हुई। जिस पर वो भी यहां त्रिमुहानी पर पहुंच कर मामले को गंभीरता से लिया और समझाया बुझाकर जाम समाप्त कराया।
अब यहां बताना आवश्यक है कि क्या था मामला। प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना कोतवाली शहर क्षेत्र अंतर्गत दो पक्षों में विगत दो महीने पहले पन्द्रह नवंबर को ( प्रथम पक्ष- गौरव साहनी पुत्र सप्तमी साहनी निवासी नार घाट थाना कोतवाली शहर,व द्वितीय पक्ष-विक्की उर्फ दिलशाद पुत्र सत्तार खान निवासी पूरी कटरा थाना कोतवाली कटरा) में मारपीट की घटना हुई थी, जिसमें अभियोग पंजीकृत किया गया था। उक्त प्रकरण में घायल वादी के भाई दिनेश साहनी का उपचार वाराणसी के ट्रामा सेंटर मे एक माह उपचार हुआ था। एवं 15 दिन पूर्व घर आ गया था जो की कोमा मे था। बुधवार को दिनेश साहनी की अपने घर पर उपचार होते हुए मृत्यु हो गई। जिससे परिजनों में कोहराम मच गया और परिवारी जन और आम जनों द्वारा जाम लगाये हुए थे। जिस पर उन लोगों को और अधिक बल मिला नपाध्यक्ष मनोज जायसवाल व नगर विधायक ने मृतक के परिजनों का साथ निभाया।
क्या थी मांग और क्यों जाम किए थे
प्रदर्शनकर्ताओं चार मांगे थी, जिसमें आरोपी के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज , चौबीस घंटे के अंदर गिरफ्तारी, आरोपी दरोगा जो कार्रवाई नहीं किए उनका सस्पेंड व मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग थी। वहीं सिर्फ आर्थिक सहायता का आश्वासन दिया गया व तीन मांग को तत्काल मान लिया गया। जिससे जाम समाप्त हुआ और पुलिस द्वारा शव को कब्जे लेकर आवश्यक कार्रवाई की गई। सुत्रों के अनुसार आरोपी दरोगा भरत लाल राय को पुलिस अधीक्षक अजय कुमार सिंह द्वारा निलंबित किया गया।