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खाद्य पदार्थों में मिलावट गम्भीर अपराध – प्रो.करुणा चांदना

गाज़ियाबाद, (उ0प्र0) : केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “खाद्य मिलावट से कैसे बचे” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन जूम पर किया गया। यह कोरोना काल में परिषद का 149 वां वेबिनार था।

प्रो.करूणा चांदना ने “खाद्य मिलावट से कैसे बचे” विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट से आखों की रोशनी जाना, हृदय संबन्धित रोग, लीवर खराब होना, कुष्ठ रोग, आहार तंत्र के रोग, पक्षाघात व कैंसर जैसे हो सकते हैं। अनेक स्वार्थी उत्पादक एवं व्यापारी कम समय में अधिक लाभ कमाने के लिए खाद्य सामाग्री में अनेक सस्ते अवयवों की मिलावट करते हैं, जो हमारे शरीर पर दुष्प्रभाव डालते हैं। गृहणी को शुद्ध वस्तुओ की पहचान होनी चाहिए। सामान्य परीक्षणो की जानकारी – गृहणी को मिलावट की जाँच करने के लिये घरेलू स्तर पर परीक्षणो की जानकारी होनी चाहिए। जैसे – नकली शहद का पानी में घुल जाना, नकली काली मिर्च का तैरते रहना आदि।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि धन की लालसा करने वाले कुछ भ्रष्टाचारी व्यवसायियों द्वारा खाद्य पदार्थों में अशुद्ध, सस्ती अथवा अनावश्यक वस्तुओं के मिश्रण को अपमिश्रण या मिलावट आज एक विकट समस्या बनता जा रहा है। छोटे-बड़े अनेक खाद्य व्यापारी अधिक लाभ के लोभ वश नाना प्रकार की युक्तियों से घटिया वस्तु को बढ़िया बताकर ऊँचे दाम पर बेचने का प्रयास करते हैं। जिससे जनता को उचित मूल्य देने पर भी घटिया खाद्य सामग्री मिलती है और उससे स्वास्थ्य की हानि भी होती है। बचाव हेतु जागरूक ग्राहक बने और अपने अधिकारों का प्रयोग करें।व्यापारियों में शुद्ध वस्तु बेचने पर प्रोत्साहन देकर व इसके लिए जागरूकता व अन्तर्रात्मा को जागृत करने की आवश्यकता है जिससे मिलावट रूक सके।

आर्य नेत्री सुनीता बुग्गा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भोज्य पदार्थ में मिलावट आशंका होते ही सम्बन्धित अधिकारियो को सूचित करना चाहिए। कभी किसी वस्तु का विज्ञापन बहुत ही आर्कषक ढ़ंग से प्रस्तुत किया जाता है। किन्तु पदार्थ की गुणवत्ता वैसी नही रहती।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश के प्रांतीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि जो दुकान विश्वयनीय हो जिसकी बिक्री अधिक होती हो वहीं से सामान खरीदें। खराब होने पर वापस भी कर सकें।

योगाचार्य सौरभ गुप्ता ने कहा कि आज मिलावट का सबसे अधिक कुप्रभाव हमारी रोजमर्रा के जीवन में प्रयोग होने वाली जरूरत की वस्तुओं पर ही पड़ रहा है। शरीर के पोषण के लिए हमें खाद्य पदार्थों की प्रतिदिन आवश्यकता होती है।

गायिका दीप्ति सपरा, प्रीति आर्या, किरण सहगल, जनक अरोड़ा, रविन्द्र गुप्ता, ईश्वर देवी (अलवर), आशा आर्या, प्रतिभा कटारिया, वीना वोहरा आदि ने अपने गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

मुख्य रूप से डॉ रचना चावला, आनन्द प्रकाश आर्य, यशोवीर आर्य, चन्द्रकान्ता आर्या, उर्मिला आर्या, आनन्द सूरी, विकास भाटिया, राजेश मेहंदीरत्ता आदि उपस्थित थे।

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