अन्यताज़ा खबरधर्म एवं आस्था

जीवन में परमात्मा को आश्रय प्राप्त होना बड़ा सौभाग्य, सेवा ही सच्चा धर्म है

ज़िला ब्यूरो तनवीर खान

उन्नाव, (उ.प्र.) : कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए स्थानीय गायत्री शक्तिपीठ पर प्रतिदिन की भांति जप साधना के पश्चात साधकों ने विश्व कल्याण के लिए गायत्री यज्ञ किया।

इसी यज्ञीय वातावरण में अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार द्वारा भेजा है आशीर्वाद के रूप में प्रमाण पत्र (ऑनलाइन गायत्री यज्ञ श्रृंखला को आगे बढाते रहने के लिए) व्यवस्थापक सिद्धनाथ श्रीवास्तव (एडवोकेट) को वरिष्ठ संरक्षक प. चंद्रकांत तिवारी ने भेट किया तथा सभी ने उनके मंगलमय जीवन की कामना की।

व्यवस्थापक ने बताया कि यज्ञ – पिता गायत्री माता की साधना करने वाले साधक के चार पदार्थ (आयु, विद्या, यश और बल) की वृद्धि होती है। संकट से लडने कि शक्ति प्रभु को भक्ति में निहित रहती है। प्रभु रूपी यज्ञ – पिता गायत्री माता की सेवा करने से उनका आश्रय निश्चित प्राप्त होता है।

सेवा ही सच्चा धर्म है। इसी धर्म को धारण करने पर हनुमान जी भगवान राम के प्रिय भक्त बन सके थे। वैदिक संस्कार श्रृंखला को आगे बढाने में हम सबको सेवारत रहना चाहिए। संस्कारित नागरिकों से ही समाज व राष्ट्र का उत्थान होता है। इस अवसर पर व्यवस्था समिति के सदस्य तिलक श्रीवास्तव, अशोक दीक्षित, अवधेश दीक्षित, अजय कुमार शुक्ला, कृष्णा शर्मा भी रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Translate »