
👉 जीत (जॉइंट एफर्ट्स फॉर एज्युकेशनल ट्रांसफॉर्मेशन) शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे एनजीओ का एक अखिल भारतीय गठबंधन है
👉 अभी आरकेएसएस इसका संचालक एनजीओ है और उसने 150 करोड़ रूपये के 1 लाख वीडियो लिंक्स एकत्र किये हैं
👉 जीत यह शैक्षणिक वीडियोज सरकारी स्कूलों के 10 लाख शिक्षकों और विद्यार्थियों को मुफ्त में प्रदान करेगा। इनमें हाशिये पर खड़े समुदायों के बच्चे भी शामिल होंगे
👉 लॉन्च की योजना के फेज वन में जीत महाराष्ट्र समेत 6 राज्यों के कम से कम 10,000 सरकारी स्कूलों और शिक्षा विभागों के साथ मिलकर काम करेगा
✍️ नवीन कुमार गौतम
मुंबई : भारत के सबसे प्रमुख गैर-सरकारी संगठनों में से एक रामकृष्ण सारदा समिति (आरकेएसएस) ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) फाउंडेशन के साथ मिलकर आज जेईईटी (जीत) का अनावरण किया है। जीत एक एज्युकेशनल प्लेटफॉर्म है। इसमें एक बिल्टइन एलएमएस है, जो भारत के छह राज्यों में 10,000 से ज्यादा सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को पढ़ाई का कंटेन्ट देगा। इस वेब-बेस्ड एलएमएस प्लेटफॉर्म की मदद से जीत का लक्ष्य केजी से लेकर 12वीं कक्षा के आर्थिक रूप से वंचित दस लाख विद्यार्थियों को अपनी सेवाएं देना है। इसमें उन्हें पढ़ाई के लिये जीवनभर एक मुफ्त प्लेटफॉर्म मिलेगा।
इस अवसर पर आरकेएसएस के निदेशक रघु पिलाका ने कहा, ‘’अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा (एसडीजी 4) एक मूलभूत अधिकार है। आरकेएसएस पिछले 55 साल से वंचित समुदायों की शिक्षा का समर्थन कर रही है। कोविड-19 महामारी के दौरान सरकारी स्कूलों के लिये विस्तृत ऑनलाइन एज्युकेशनल कंटेन्ट को सुलभ संसाधनों के रूप में तैयार करने का विचार आया। 2023 तक इस विचार ने एनजीओ के एक देशव्यापी गठजोड़ का रूप ले लिया, ताकि हर बच्चे की शिक्षा में सहयोग दिया जा सके। स्वामी विवेकानंद के शब्दों, ‘’लोगों को शिक्षित करके और आगे बढ़ाकर ही एक राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है’’, से प्रेरित होकर हमने आज बड़े गर्व से उनके 162वें जन्मदिन पर फ्री वेब-बेस्ड एलएमएस-जीत लॉन्च किया है। जीत एनजीओ के संयुक्त प्रयासों का नतीजा है, जो वंचित बच्चों को अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा से सशक्त करेगा, ताकि वे सामाजिक-आर्थिक बाधाओं से उभरकर भारत के भविष्य के लीडर बन सकें। हम एज्युएक्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने काम का दायरा बढ़ाने के लिये सक्रिय होकर एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं।‘’
कम संसाधनों वाले और वंचित विद्यार्थियों को सशक्त करने के लक्ष्य से जीत फेज वन में 12,000 से ज्यादा समृद्ध एवं उच्च–गुणवत्ता के शैक्षणिक वीडियोज की पेशकश करेगा और जल्दी ही इन्हें बढ़ाकर 1 लाख तक किया जाएगा। वीडियो लिंक्स का कंटेन्ट बैंक, जो एलएमएस के माध्यम से उपलब्ध है, उसे पूरे भारत के एनजीओ तथा संस्थाओं से लिया गया था। इसमें अवंति फेलोज, बीसीपीटी, एज्युकॉम्प मैथगुरु, खान एकेडमी, मैग्नेट ब्रेन्स, प्रथम एनजीओ, टिकटैक लर्न, विम्ब्यू, वी.के.आर.सी.ई. ट्रस्ट, कोयंबटूर, आदि शामिल हैं।
लॉन्च समारोह में बात करते हुए, एसबीआई फाउंडेशन के प्रबंध निदेशक श्री संजय प्रकाश ने कहा, ‘’स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की सीएसआर शाखा के तौर पर एसबीआई फाउंडेशन समाज पर लंबे समय का और सार्थक प्रभाव डालने के लिये समर्पित है। 2015 में इसकी संस्थापना के बाद से ही हमारा मिशन हाशिये पर खड़े समुदायों और कमजोर लोगों को सशक्त करने पर केन्द्रित रहा है। हमने विकास, शिक्षा और समानता को बढ़ावा देने पर विशेष रूप से जोर दिया है। प्रोजेक्ट जीत के माध्यम से हमारा लक्ष्य है मुफ्त में और उच्च-गुणवत्ता का शैक्षणिक कंटेन्ट देकर भारत में डिजिटल के अंतर को दूर करना। आरकेएसएस के साथ भागीदारी में यह प्लेटफॉर्म हिन्दी एवं अंग्रेजी के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषाओं में शैक्षणिक वीडियोज की पेशकश करेगा, ताकि विभिन्न पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों के लिये सुलभता सुनिश्चित हो सके। कंटेन्ट को स्टेट बोर्ड के पाठ्यक्रम से जोड़कर जीत कक्षा की पढ़ाई को बेहतर बनाता है और अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा देने में सरकारी स्कूलों की सहायता करता है। हमें विश्वास है कि जीत न केवल शैक्षणिक स्रोतों का विस्तार करेगा, बल्कि टेक्नोलॉजी की बाधाओं से उभरने में भी सहायक होगा। इस प्रकार सभी के लिये अधिक समावेशी एवं समानता वाली शैक्षणिक प्रणाली का विस्तार होगा।’’
एनजीओ अलायंस जीत महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, हरियाणा और तेलंगाना जैसे राज्यों में सरकारी स्कूलों के साथ भागीदारी करेगा, ताकि कक्षा केजी से लेकर 12 तक का शैक्षणिक कंटेन्ट प्रदान किया जा सके। विद्यार्थी और शिक्षक अभी या तो एक वेबसाइट के मध्यम से जीत को एक्सेस कर सकेंगे या बाद में जल्दी ही एक मोबाइल-बेस्ड लर्निंग एप के माध्यम से आरकेएसएस शिक्षकों को भी बच्चों के लिये इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल सिखाने की योजना में है और स्कूली बच्चों तथा उनके पेरेंट्स के लिये डेमो सेशंस चलाएगी।