मुंबई : दुनिया के प्रमुख विद्यार्थी आवास मंच यूनिवर्सिटी लिविंग और नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी ने ऐसे विद्यार्थियों को सोशल छात्रवृत्तियाँ देने के लिये साझेदारी की है, जो समाज पर सकारात्मक असर डाल रहे हैं। यह नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे भारतीय विद्यार्थियों को मिल सकती है। जिन विद्यार्थियों ने अपने समाज की भलाई के लिये उल्लेखनीय सामाजिक बदलाव लाने में भूमिका निभाई है, वे 5000 यूरो की यह छात्रवृत्ति पाने के योग्य हैं। इस छात्रवृत्ति में ट्यूशन फीस और रहने के शुल्क (एकोमोडेशन चार्ज) के संदर्भ में उनके खर्च शामिल होंगे।
सोशल स्कॉलरशिप्स प्रोग्राम के तहत, चुनिंदा विद्यार्थियों को आर्थिक मदद मिलेगी। इस सहायता से वे अपनी पढ़ाई पर फोकस कर पाएंगे और अतिरिक्त आर्थिक बोझ की चिंता किये बिना यूनिवर्सिटी का अनुभव ले सकेंगे। आवास से जुड़ीं आर्थिक चुनौतियों को दूर करते हुए, यूनिवर्सिटी लिविंग का लक्ष्य विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा पढ़ाई करने के लिये सशक्त करना है।
यूनिवर्सिटी लिविंग के सीईओ एवं संस्थापक सौरभ अरोड़ा ने कहा, “दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने में योगदान देने के लिये विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करना सबसे उत्तम अच्छी बात है। और जब हम आर्थिक प्रोत्साहन देते हैं, तब विद्यार्थी सही काम के लिये और भी प्रेरित होते हैं। यूनिवर्सिटी लिविंग में हम अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा को सभी के लिये सुलभ बनाने हेतु प्रतिबद्ध हैं। अपने सोशल स्कॉलरशिप्स प्रोग्राम के माध्यम से हम ऐसे प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सशक्त करते हुए अपने उस सपने को साकार करने के करीब जा रहे हैं, जो अन्यथा अपनी शैक्षणिक सफलता में आर्थिक बाधाओं का सामना करते।”
उन्होंने आगे कहा, “सामाजिक छात्रवृत्ति हमारे दिल के करीब है। हम विद्यार्थियों को कुछ लौटाना चाहते थे, ताकि दिखा सकें कि हम उन्हें और हम पर उनके भरोसे को पसंद करते हैं। ग्रेड्स को योग्यता का पैमाना नहीं माना जाएगा, बल्कि इसमें सिर्फ विद्यार्थी की सामाजिक चेतना को देखा जाएगा। जिन विद्यार्थियों ने सक्रिय होकर किसी सामाजिक काम का समर्थन किया है और बदलाव लाने में मदद की है, उनका आवेदन करने के लिये स्वागत है।”