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Poem : जीना है तो ऐसे जियो…

✍️ मनीषा झा, बी.एस.सी., बी.एड., एम.एस.सी. (गणित) द्वितीय वर्ष, मुंबई विद्यापीठ, मुंबई

बनना है तो किसी की ताकत बनो
किसी की कमज़ोरी कभी नहीं
बनना है तो हर किसी की प्रेरणा बनो
कभी किसी की मजबूरी नहीं

हर किसी की दुःख की दवा बनो
किसी की दर्द का कारण नहीं
देना है तो औरों के चेहरे पे मुस्कान दो
किसी के आखों में गम के आसूं नही

त्याग करना है तो अपने क्रोध को करो
कभी अपने रिश्ते की नहीं
पाना है तो उसे पाओ जो आपका लक्ष्य हैं
उसे नही जिससे आपकी जिंदगी खराब हो,

बनना है तो हर किसी की दोस्त बनो
किसी का दुश्मन नहीं
देना है तो सभी को शुभ आशीष दो
किसी को कभी बददुआ नहीं

जलाना है तो अपने अंदर की बुरी आदतें को
अपनी अच्छाई को नही
करना है तो जिंदगी में संघर्ष करो
किसी से छल कपट नही

पाना है तो अपने मंजिल को पा लो
आलस को त्याग कर आगे बढ़ो
जीना है तो ऐसे जियो
हर किसी को नाज हो तुझ पर

खुद को इस तरह काबिल बना लो
कोई कुछ बोलने से पहले सोचे
एक नया इतिहास रचों अपने जीवन में,
इस तरह बनो अपने जीवन में

निभा सको तो सच्चे वादे करो
वरना किसी को धोका मत दो जीवन में,
बनना है तो सबका प्यार बनो
कभी किसी की नफरत नहीं

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