स्थायी निषेधाज्ञा के लिए मुकदमा दायर किया
मुंबई : भारत की प्रमुख ए.पी.आई. निर्माता कंपनी, लासा सुपरजेनेरिक्स लिमिटेड ने घोषणा की कि उसने अपने पेटेंट का उल्लंघन होने से रोकने हेतु स्थायी निषेधाज्ञा के लिए मुकदमा दायर किया है। लासा सुपरजेनेरिक़स लिमिटेड (यहाँ लासा के रूप में संदर्भित) ने अपने पेटेंट के उल्लंघन, अन्यायपूर्ण हस्तक्षेप, गोपनीय उल्लंघन और जानकारी के दुरुपयोग, अनुचित व्यापार आदि को रोकने हेतु माननीय बॉम्बे हाईकोर्ट के वाणिज्यिक प्रभाग के समक्ष लोहिता लाइफसाइंस प्राइवेट लिमिटेड एवं अन्य के विरुद्ध स्थायी निषेधाज्ञा के लिए एक मुकदमा दायर किया है।
“मिथाइल 5 (प्रोपाइलथियो)-1एच-बेंज़ो [डी] इमिडाज़ोल-2-वाई.एल.कार्बामेट को तैयार करने हेतु एक उन्नत प्रक्रिया” नामक एक आविष्कार, जो एल्बेंडाज़ोल नामक उत्पाद के निर्माण की प्रक्रिया की रक्षा करता है, उसके संबंध में भारतीय पेटेंट सं. 326628 जिसे दायर करने का उद्देश्य लासा के स्वामित्व वाली गोपनीय जानकारी का अनधिकृत उपयोग और प्रकटीकरण को रोकना है, व्यावसायिक गतिविधियों में हस्तक्षेप के कृत्यों को रोकना है, संविदात्मक दायित्वों में हस्तक्षेप को रोकना है, संविदात्मक कर्मचारियों को प्रलोभन देने से और उकसाने, अनुचित व्यापार करने से रोकना है।
डॉ. ओंकार हर्लेकर, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, लासा सुपरजेनेरिक्स ने कहा, “यह लासा के लिए एक और उपलब्धि साबित हो सकती है, क्योंकि यह अपने प्रतिद्वंद्वी को एक प्रमुख उत्पाद का उत्पादन करने और उसका व्यवसाय करने से रोक सकता है और इस कंपनी को दुनिया भर में अपने प्रमुख उत्पादों के लिए अपना नेतृत्व जारी रखने में सक्षम बनाता है। हम अपराधियों के विरुद्ध कड़ी नजर रखे हुए हैं और संबंधित अधिकारियों से पूरी तरह से संपर्क करने के लिए तैयार हैं ताकि हमारे बाज़ार की हिस्सेदारी को वैसा ही बनाए रखा जा सके।”
इसके अलावा लासा मुकदमे की सुनवाई और अंतिम निपटान तक लंबित अन्तः कालीन और अंतरिम राहत की माँग कर रही है और विश्वस्तर पर बड़े पैमाने पर व्यवसाय के अवसर और ग्राहकों के नुकसान के मुआवज़े के रूप में रु. 3,00,00,00,000/- (तीन सौ करोड़ रुपये मात्र) की राशि का दावा कर रही है।